असम: आठ आदिवासी संगठनों के 1182 सदस्यों ने अपने हथियार सौंपे
शर्मा ने परिषद के संगठन के सदस्यों से आदिवासी समाज के उत्थान के लिए सरकार के साथ काम करने का आग्रह किया।
केंद्र और असम सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले आठ आदिवासी विद्रोही संगठनों के कुल 1182 सदस्यों ने बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के समक्ष अपने हथियार सौंप दिये। तीन अलग हुए गुटों सहित संगठनों के प्रतिनिधियों ने यहां गृह विभाग द्वारा आयोजित एक समारोह में अपने हथियार जमा कराए। सदस्यों ने 304 हथियार और 1460 राउंड कारतूस सौंपे। इनमें सात एके-सीरीज राइफल, 20 राइफल .303, चार एसएलआर, चार कार्बाइन, एक इंसास राइफल, एक एलएमजी, 124 पिस्तौल, 30 सेमी ऑटोमेटिक राइफल, 20 ग्रेनेड, 10 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी), दो किलोग्राम आरडीएक्स और 2.5 किलोग्राम टीएनटी शामिल हैं। गृह विभाग ने आत्मसमर्पण स्थल पर 200 हथियारों को प्रदर्शित भी किया।
मुख्यमंत्री ने संगठनों को सबोधित करते हुए कहा कि अब वह सभी हिंसा का रास्ता छोड़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शांति और प्रगति के मिशन में शामिल हो गए हैं। इससे राज्य के आदिवासी इलाकों में उग्रवाद समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि संगठनों के सदस्यों के पुनर्वास के लिए कई उपाय किए गए हैं। हथियार डालने वाले सभी 1182 सदस्यों को सावधि जमा के रूप में चार लाख रुपये दिए जाएंगे और अगले तीन वर्षों के लिए उन्हें प्रतिमाह 6,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा शांति समझौते के तहत केंद्र और राज्य सरकार दोनों आदिवासी समुदाय के विकास के लिए 500-500 करोड़ रुपये प्रदान करेंगी। हथियार जमा कराने वाले संगठनों में ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (एएएनएलए), एएएनएलए (एफजी), बिरसा कमांडो फोर्स (बीसीएफ), बीसीएफ (बीटी), संथाल टाइगर फोर्स, आदिवासी कोबरा मिलिटेंट ऑफ असम (एसीएमए), एसीएमए (एफसी) और आदिवासी पीपुल्स आर्मी (एपीए) शामिल हैं। एसीएमए के 453, बीसीएफ के 340, एसटीएफ के 140, एएएनएलए के 125 और एपीए के 124 कैडरों ने हथियार जमा कराए।
आठ आदिवासी संगठनों ने 24 जनवरी 2012 को आत्मसमर्पण कर दिया था और बाद में चार अक्टूबर 2016 को सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (एसओओ) पर हस्ताक्षर किए थे। एसओओ पर हस्ताक्षर के बाद से संगठनों के सदस्यों और दोनों सरकारों के बीच कई दौर की बातचीत हुई। बाद में 15 सितंबर 2022 को त्रिपक्षीय आदिवासी शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते की शर्त-3 के अनुसार, असम सरकार ने 16 सदस्यीय आदिवासी कल्याण और विकास परिषद का गठन किया था जिसका अध्यक्ष आशिम हासदा, उपाध्यक्ष सुभाष तिर्की, मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) दुर्गा हासदा और डिप्टी सीईएम पीटर डांग को बनाया गया था। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को परिषद के सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा, समझौते में आदिवासियों की आकांक्षा को प्रतिबिंबित करने के लिए परिषद की स्थापना की परिकल्पना की गई थी और आज शपथ ग्रहण समारोह के साथ हमने अपना वादा पूरा किया है। शर्मा ने परिषद के संगठन के सदस्यों से आदिवासी समाज के उत्थान के लिए सरकार के साथ काम करने का आग्रह किया।
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