सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा, हिंसा फैला रहे आतंकी हमारे निशाने पर

Army Chief Bipin Rawat said, terrorists spreading violence on our target
[email protected] । Jun 29 2018 3:04PM

सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि घाटी में हिंसा फैला रहे आतंकी हमारे निशाने पर है। रावत ने कहा कि हमारा मूल उद्देश्य उन आतंकवादियों को ठिकाने लगाना है जो कश्मीर घाटी में हिंसा और परेशानी पैदा कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाये जाने के कुछ दिनों बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि सेना घाटी में लोगों के प्रति दोस्ताना व्यवहार रखते हुए काम कर रही है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘हमारा मूल उद्देश्य घाटी में हिंसा और गड़बड़ी पैदा करने वाले आतंकवादियों के पीछे पड़ना है। हमारा उद्देश्य ऐसे नागरिकों को परेशान करना नहीं है जो आगजनी या हिंसा में शामिल नहीं होते हैं।’’

भाजपा के अपने गठबंधन साझेदार पीडीपी से समर्थन वापस लिये जाने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद गत 20 जून को जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था। पिछले एक दशक में राज्य में चौथी बार राज्यपाल शासन लगाया गया है। यह पूछे जाने पर कि राज्य में सरकार गिरने के बाद क्या घाटी में सुरक्षा बढ़ाई गई है, तो जनरल रावत ने कहा, ‘‘सुरक्षा बढ़ाने जैसा कुछ भी नहीं है ... सेना लोगों के प्रति दोस्ताना व्यवहार रखते हुए काम करती है।’’

सेना प्रमुख ने कहा,‘‘हमारे नियम बहुत जनोन्मुखी हैं और हम बहुत ही दोस्ताना रूख के साथ अपने अभियान चलाते हैं और, ऐसी प्रेरित रिपोर्ट जिसमें कहा गया है कि भारतीय सेना कश्मीर में बर्बर तरीके से अभियान चला रही है, सच नहीं है।’’ इससे पूर्व जनरल रावत ने कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन पर हाल में आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और कहा था कि भारतीय सेना का इस संबंध में रिकॉर्ड अच्छा है।

सेना प्रमुख आज बारामुला और घाटी के अन्य पड़ोसी क्षेत्रों से पांच लड़कियों समेत स्कूली विद्यार्थियों के एक समूह से मिले। यह समूह राष्ट्रीय एकीकरण दौर के तहत यहां साउथ ब्लॉक में उसे मिलने आया था।उन्होंने कहा,‘‘हम चाहते है कि ये बच्चे यह संदेश साथ लेकर वापस जायें कि यदि कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां और पथराव की घटनाएं रूक जायें तो यह भी दिल्ली या अन्य बड़े शहरों की तरह समृद्ध हो सकता हैं और शायद इससे और बेहतर हो सकता है।’’

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