आंध्र के मुख्यमंत्री को लोगों से माफी मांगनी चाहिए: तिरुपति लड्डू मुद्दे पर Jagan Mohan Reddy ने कहा
लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र एसआईटी गठित करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का स्वागत करते हुए वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
अमरावती । तिरुपति लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र एसआईटी गठित करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का स्वागत करते हुए वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को लोगों से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को रद्द करके उच्चतम न्यायालय ने नायडू की ‘‘असली तस्वीर’’ सामने ला दी है।
जगन ने तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) की कुछ सोशल मीडिया पोस्ट दिखाकर अपने प्रतिद्वंद्वी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘...जब उच्चतम न्यायालय ने ऐसी टिप्पणी की है, यदि उनमें (नायडू) ईश्वर के प्रति कोई श्रद्धा है, तो उन्हें लोगों से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें तिरुमला वेंकटेश्वर स्वामी के समक्ष प्रार्थना करके कहना चाहिये कि उनसे गलती हुई। उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है, बल्कि वे (तेदेपा) अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से पोस्ट जारी कर रहे हैं (गलत जानकारी फैला रहे हैं)।’’
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने लड्डू में मिलावट मुद्दे पर नायडू द्वारा नियुक्त एसआईटी को भी रद्द कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने तिरुपति लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय ‘‘स्वतंत्र’’ एसआईटी का शुक्रवार को गठन करने के साथ ही स्पष्ट किया कि वह अदालत का ‘‘राजनीतिक युद्ध के मैदान’’ के रूप में इस्तेमाल किए जाने की अनुमति नहीं देगा।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि एसआईटी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आंध्र प्रदेश पुलिस के दो-दो अधिकारियों के अलावा एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) का एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होगा। पीठ ने निर्देश दिया कि यह उचित होगा कि जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की निगरानी में की जाए। चंद्रबाबू नायडू ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया।
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