Manipur को लेकर दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं को Amit Shah ने लिखा पत्र, सहयोग की अपील की

Amit Shah
ANI
अंकित सिंह । Jul 25 2023 7:46PM

विपक्ष चर्चा से पहले मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक बयान देने की मांग कर रहा है। शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि उन्होंने दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं- लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर संसद में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए उनका सहयोग मांगा है। गृह मंत्री ने ने विपक्ष के नेताओं को लिखे पत्र में कहा कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और सभी से अपनी पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर सहयोग करने का अनुरोध करती है। संसद में 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित है। विपक्ष चर्चा से पहले मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक बयान देने की मांग कर रहा है। शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि उन्होंने दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

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पत्र में क्या लिखा

खड़गे को लिखे पत्र में साह ने कहा कि मैं आपको यह पत्र राज्य सभा में मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए आपके सहयोग मांगने के लिए लिख रहा हूं। हमारी संसद भारत के जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला है। यह हमारी सामूहिक इच्छा के प्रतीक के रूप में खड़ी है और रचनात्मक बहस, सार्थक चर्चा और जन-समर्थक कानून के लिए प्राथमिक मंच के रूप में कार्य करती है। राज्य सभा, राज्यों की परिषद होने के नाते, हमारे लोकतांत्रिक ढांचे में एक विशेष स्थान रखती है। यह हमारे विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हितों और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। इसके आगे उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि मणिपुर भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य है। मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत न केवल मणिपुर बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति का गहना है।

अमित शाह ने कहा कि गत छह सालों में मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के शासन में यह क्षेत्र शांति और विकास के नए युग का अनुभव कर रहा था। परन्तु कुछ अदालती निर्णयों और कुछ घटनाओं के कारण मई माह की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा की घटनाएं घटी। कुछ शर्मनाक घटनाएं भी सामने आई जिसके बाद समग्र देश की जनता, उत्तरपूर्व की जनता और विशेषकर मणिपुर की जनता देश की संसद से अपेक्षा कर रही है कि इस कठिन समय में सभी पार्टियाँ दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर की जनता के साथ खड़ी रहे। उन्होंने कहा कि इस समय मणिपुर की जनता चाहती है कि हम सभी पार्टियों के संसद सदस्य उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि हम एक होकर मणिपुर की शांति के लिए संकल्पबद्ध हैं। पूर्व में हमारी महान संसद ने यह करके भी दिखाया है। विपक्ष की मांग है कि सरकार द्वारा मणिपुर पर स्टेटमेंट हो में आपको बताना चाहता हूँ कि सरकार सिर्फ स्टेटमेंट ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन इसमें सभी दलों का साथ अपेक्षित है। मेरी आपके माध्यम से समग्र विपक्षी दलों से विनती है कि अच्छे वातावरण में चर्चा के लिए आप आगे आएं।

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गृह मंत्री ने कहा कि आइए हम अपने राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों का न्यायसंगत और स्थायी समाधान खोजने के लिए पार्टी लाइन से ऊपर उठे और सदभाव से काम करें। मैं आपसे और आपकी पार्टी के सभी सदस्यों से संसद के निरंतर कामकाज को सुनिश्चित करने में अपना समर्थन देने का आग्रह करता हूँ। उन्होंने कहा कि आइए, हम सार्थक बहस में शामिल होकर, विविध विचारों का सम्मान करके और अपने महान राष्ट्र की सामूहिक बेहतरी के लिए प्रयास करके, भारत के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें। आखिरकार संसद सदस्य के रूप में, लोकतांत्रिक शासन के सिद्धांतों को बनाए रखना और अपने लोगों के कल्याण के लिए सामूहिक रूप से काम करना हमारा कर्तव्य है। मैं इस प्रयास में आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया और सहयोग की आशा करता हूँ। कुछ ऐसा ही पत्र शाह ने लोकसभा के अधीर रंजन चौधरी के लिए भी लिखा। 

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