प्रधानमंत्री बीजद के सहयोग से ओडिशा का करेंगे विकास : शाह

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उड़िया दैनिक ‘प्रजातंत्र’ की 75 वीं वर्षगांठ पर यहां एक इनडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शाह और पटनायक के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। इसमें दोनों दलों के समर्थकों एवं नेताओं के लिए बराबर सीट आवंटित की गयी थीं। जब कार्यक्रम शुरू होने वाला था, तब स्टेडियम में ‘अमित शाह जिंदाबाद’ और ‘नवीन पटनायक जिंदाबाद’ के नारे संबंधित दलों के समर्थकों ने लगाये।

कटक (ओडिशा), 9 अगस्त।  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार, राज्य की बीजू जनता दल (बीजद) सरकार के सहयोग से ओडिशा का विकास करना चाहती है। बीजद अध्यक्ष एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ मंच साझा करते हुए शाह ने यह भी कहा कि ओडिशा के कई लोग देश के कुछ शीर्ष पदों पर आसीन हैं, ऐसे में राज्य ‘अच्छे दिन’ महसूस कर रहा है।

उड़िया दैनिक ‘प्रजातंत्र’ की 75 वीं वर्षगांठ पर यहां एक इनडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शाह और पटनायक के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। इसमें दोनों दलों के समर्थकों एवं नेताओं के लिए बराबर सीट आवंटित की गयी थीं। जब कार्यक्रम शुरू होने वाला था, तब स्टेडियम में ‘अमित शाह जिंदाबाद’ और ‘नवीन पटनायक जिंदाबाद’ के नारे संबंधित दलों के समर्थकों ने लगाये। शाह के ओडिशा पहुंचने से पहले दोनों दलों के बीच ‘पोस्टर वार’ भी देखने को मिला।

दोनों दलों के समर्थकों ने केवल तब नारेबाजी बंद की, जब प्रधान ने दर्शकों से शांत रहने की अपील की। शाह ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम राज्य सरकार के सहयोग से ओडिशा में सर्वांगीण विकास करने के लिए हम अपना श्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें टीम इंडिया की भांति विकास के लिए काम करें।’’ ओडिशा के लिए पहले ही ‘अच्छे दिन’ आ जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रपति से लेकर आरबीआई गवर्नर तक राष्ट्रीय स्तर पर ओडिशा के सबसे अधिक प्रतिनिधि हैं।

शाह ने कहा, ‘‘ एक गरीब आदिवासी गांव की एक महिला भारत की महामहिम (राष्ट्रपति) बन गई हैं। इस राज्य से धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय शिक्षा मंत्री और अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं। टुडु (बिशेश्वर) भी मंत्रिपरिषद में हैं। आजादी के बाद से ओडिशा का राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा प्रतिनिधित्व कभी नहीं रहा। इसलिए यह राज्य के लिए अच्छे दिन हैं।’’ ‘‘संभावनाओं के राज्य’’ के रूप में उभरने के लिए ओडिशा में विपुल संभावनाएं होने का दावा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘यहां लंबी तटरेखा है, समृद्ध खनिज संसाधन हैं, वन हैं एवं प्रतिभाशाली मानव संसाधन हैं। मुझे ओडिशा का बेहतर भविष्य नजर आता है।’’

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में ओडिशा आने पर शाह का स्वागत किया। उनके इस बयान से पूर्व एक भाजपा सांसद ने आरोप लगाया था कि जब शाह अपराह्न करीब डेढ़ बजे यहां हवाई अड्डे पर उतरे, तब हवाई अड्डे पर राज्य का मंत्री, या कोई वरिष्ठ अधिकारी जैसे गृह सचिव या पुलिस महानिदेशक मौजूद नहीं थे। भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता सारंगी ने ट्वीट किया, ‘‘ कोई इस बेअदबी की व्याख्या कैसे करे? बेरूखापन या सोद्देश्य ऐसा किया गया। ’’ गृह विभाग के एक विशेष सचिव ने वहां राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व किया।

पटनायक ने अपने भाषण में कहा, ‘‘ यह खुशी की बात है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मेरे साथ जुड़े हैं। मैं उनका ओडिशा में स्वागत करता हूं।’’ उसके बाद पटनायक अपने भाषण में कार्यक्रम के विषय पर मुड़ गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया को बिना डर या पक्षपात के अपना दायित्व निभाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा देश बुनियादी सिद्धांतों पर खड़ा है। हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों ने हमें इन 75 वैभवशाली वर्षों के दौरान परीक्षाओं एवं विषम परिस्थितियों पर विजय पाकर आगे निकलने में मदद की है।

ओडिशा और गुजरात के बीच तुलना करते हुए शाह ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की दोनों राज्यों में व्यापक रूप से पूजा की जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘ ओडिशा पूरब में स्थित है, तो गुजरात पश्चिम में। भगवान जगन्नाथ ऐसे देव हैं, जो पूरब और पश्चिम के लोगों को जोड़ते हैं।’’ स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को लेकर ‘प्रजातंत्र’ के संस्थापक डॉ. हरेकृष्ण महताब की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि लोग उड़िया साहित्य को प्रोत्साहन देने के उनके कार्य के लिये भी उन्हें याद करेंगे।

बाद में शाह ने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में विश्वास व्यक्त किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को दो तिहाई बहुमत मिलेगा और वह केंद्र में फिर सरकार बनायेगी। वह ‘मोदी एट द रेट: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ नामक पुस्तक के ओडिया संस्करण के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। इससे पहले, दिन में शाह भुवनेश्वर में लिंगराज मंदिर पहुंचे। वह कटक में नेताजी संग्रहालय भी गए, जहां उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि दी।

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