अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और जद (एस) दोनों भ्रष्ट और 'परिवार आधारित' पार्टियां हैं
भाजपा को वोक्कालिगा बहुल ‘ओल्ड मैसूर’ क्षेत्र में कमजोर माना जाता है और 2023 के विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए पार्टी इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
चुनावी राज्य कर्नाटक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दल कांग्रेस और जद (एस) दोनों को परिवारवादी (वंशवादी राजनीति करने वाली) कहा और मांड्या एवं पुराने मैसूर क्षेत्र के लोगों से भाजपा का समर्थन करने और उसे फिर बहुमत के साथ सत्ता में लाने का आग्रह किया। भाजपा को वोक्कालिगा बहुल ‘ओल्ड मैसूर’ क्षेत्र में कमजोर माना जाता है और 2023 के विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए पार्टी इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है। शाह ने कहा, “जद(एस)-कांग्रेस, कांग्रेस-जद(एस) काफी हो चुका, इस बार मांड्या, मैसूरु क्षेत्र में भाजपा को पूर्ण बहुमत से जीत दिलानी चाहिए। कांग्रेस और जद(एस) दोनों परिवारवादी पार्टियां हैं, वे भ्रष्ट समुद्री डाकू हैं।”
राज्य भाजपा की चल रही जनसंकल्प यात्रा के तहत एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमने दोनों दलों के प्रशासन को देखा है, जब कांग्रेस आती है, तो कर्नाटक दिल्ली का एटीएम बन जाता है और जब जद (एस) आता है तो यह एक परिवार के लिए एटीएम बन जाता है। इन दोनों पार्टियों ने बार-बार भ्रष्टाचार के माध्यम से कर्नाटक की प्रगति को रोका है।” परिवारवाद और भ्रष्टाचार से मुक्त होने का समय आने की बात कहते हुए शाह ने लोगों से भारतीय जनता पार्टी को एक बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने और “डबल इंजन” सरकार लाने का अवसर देने को कहा।
उन्होंने कांग्रेस और जद (एस) दोनों पर “भ्रष्ट, सांप्रदायिक और अपराधियों के रक्षक” होने का आरोप लगाते हुए कहा, “मोदीजी के नेतृत्व में अगले पांच वर्षों में हम कर्नाटक को प्रगति के पथ पर आगे ले जाएंगे।” इस कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्य भाजपा प्रमुख नलिन कुमार कतील, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि सहित अन्य नेता उपस्थित थे। यह याद दिलाते हुए कि उन्होंने मांड्या से 2018 के विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार शुरू किया था, शाह ने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाकर सरकार बनाने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि फिर 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी के नेतृत्व में 52 प्रतिशत वोट-शेयर के साथ, कर्नाटक ने भाजपा को 28 में से 25 सीटें दिलाईं।
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