अमेरिका चाहता है कि पाक आतंकवाद पर तत्काल एवं अपरिवर्तनीय कार्रवाई करे: जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि वार्ता के दौरान अंतरिक्ष पर शोध संबंधी जानकारी, तकनीकी सहयोग और जल संसाधन प्रबंधन विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने आपदा अनुकूल ढांचे संबंधी गठबंधन और हिंद-प्रशांत सागर पहल समेत भारत की कई पहलों का समर्थन किया है।
वाशिंगटन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-अमेरिका के बीच दूसरी ‘टू प्लस टू’ वार्ता के समापन के एक दिन बाद कहा कि पाकिस्तान को लेकर ट्रंप प्रशासन का रुख बिलकुल स्पष्ट है और वह चाहता है कि इस्लामाबाद आतंकवादी समूहों पर लगाम लगाने के लिए तत्काल, निरंतर एवं अपरिवर्तनीय कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि आतंकवाद के लिए उसकी धरती का इस्तेमाल नहीं हो।अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को वाशिंगटन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मेजबानी की थी। जयशंकर और सिंह बृहस्पतिवार को अमेरिका से रवाना हुए।
Concluded the #IndiaUS 2+2 meeting in Washington DC. Our conversations reflected the broad agenda of our strategic partnership. Confident that the meeting today would set direction for further cooperation. pic.twitter.com/bnW5ylPLxe
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 18, 2019
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जयशंकर ने बृहस्पतिवार को यहां भारतीय पत्रकारों से कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में संभावनाओं और विषय वस्तु संबंधी विस्तार हुआ है। उन्होंने बताया कि वार्ता में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान और दक्षिण पूर्वी एशिया समेत क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सुना कि पाकिस्तान के संबंध में अमेरिकी पक्ष का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। उसका रुख यह है कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों के लिए उनके क्षेत्र का इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ तत्काल, निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करे।’’
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विदेश मंत्री ने कहा कि वार्ता के दौरान अंतरिक्ष पर शोध संबंधी जानकारी, तकनीकी सहयोग और जल संसाधन प्रबंधन विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने आपदा अनुकूल ढांचे संबंधी गठबंधन और हिंद-प्रशांत सागर पहल समेत भारत की कई पहलों का समर्थन किया है। हालांकि वार्ता मुख्य रूप से विदेश नीति, रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों पर केंद्रित थी।
जयशंकर ने बताया कि इस वार्ता में एक प्रमुख फैसला लिया गया है जिसके तहत बहरीन स्थित अमेरिकी नौसैन्य केंद्रीय कमान में भारतीय अधिकारियों को तैनात जाएगा और संभव होगा तो विशेष अभियान कमान में भी भारतीय अधिकारियों को रखा जाएगा। दूसरी ओर, हिंद महासागर क्षेत्र में इंफर्मेशन फ्यूजन सेंटर में अमेरिकी अधिकारी को तैनात किया जाएगा। जयशंकर ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ भी बैठक की।
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