अखिलेश यादव का दावा, भाजपा को सिर्फ समाजवादी पार्टी ही हरा सकती है

Akhilesh Yadav
ANI

समाजवादी पार्टी में वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव अपनी धुर विरोधी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर लड़ा था। इसमें सपा को पांच सीटें और बसपा को 10 सीटें हासिल हुई थीं। हालांकि, चुनाव के कुछ समय बाद दोनों का गठबंधन खत्म हो गया था।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि सपा द्वारा समाजवादियों और बहुजनवादियों के साथ गठबंधन के नतीजे भले ही अपेक्षा के अनुरूप न रहे हों, लेकिन इससे यह जाहिर हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सिर्फ सपा ही हरा सकती है। यादव ने सपा के नौवें प्रांतीय अधिवेशन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘‘2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादियों ने कोशिश की थी, ऐतिहासिक फैसला लिया था। देश के करोड़ों लोग सपना देख रहे थे कि बहुजन की ताकतें एक साथ एक मंच पर खड़ी हो जाएं, जो कभी डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने देखा था। वर्ष 2019 में समाजवादियों ने त्याग करके उस सपने को साकार करने की कोशिश की थी। समाजवादी लोग जो चाहते थे कि बड़ी जीत हासिल हो, लेकिन जिस तरह के लोग सत्ता में हैं उन्होंने हर चीज का दुरुपयोग किया। हम कामयाब नहीं हुए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद दोबारा समाजवादियों ने मिलकर वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा। जो दल उस समय भाजपा को हटाने के लिए संघर्ष कर रहे थे उन सबको साथ लेकर हम लोगों ने एक मंच पर एक गठबंधन तैयार किया। हम जीत नहीं पाए, लेकिन मैं यह कह सकता हूं 2019 और 2022 के प्रयोग ने और जिस तरह से हमारे नेता और कार्यकर्ताओं ने काम किया, भले ही हमें अपेक्षित सफलता न मिली हो लेकिन हम समाजवादी लोग जान गए हैं कि भाजपा का मुकाबला अगर कोई कर सकता है और कोई उसे हरा सकता है तो वह समाजवादी पार्टी है।’’ 

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गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव अपनी धुर विरोधी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ मिलकर लड़ा था। इसमें सपा को पांच सीटें और बसपा को 10 सीटें हासिल हुई थीं। हालांकि, चुनाव के कुछ समय बाद दोनों का गठबंधन खत्म हो गया था। अब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर एक बार फिर एकजुट करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कुमार ने पिछले दिनों अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी। इससे पहले, अधिवेशन में नरेश उत्तम पटेल को लगातार दूसरी बार सपा का प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया। चुनाव अधिकारी प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे। पार्टी के इस कदम को पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव बृहस्पतिवार को पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में किया जाएगा। अखिलेश यादव को एक बार फिर अध्यक्ष चुने जाने की प्रबल संभावना है। अखिलेश यादव ने नवनिर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा, ‘‘आने वाले समय में जो चुनौतियां हैं, उनका मुकाबला हम सब मिलकर करेंगे। संगठन के साथ-साथ हमारे सभी साथी मिलकर समाजवादी आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। यह लड़ाई बड़ी है, जो समाज में बांटने वाली ताकतें हैं उनको सत्ता से बाहर निकालने का काम हम मिलकर करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मिली-जुली संस्कृति को ठेस पहुंचाई जा रही है उसे बचाकर हम देश को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। हमें जो भी संघर्ष करना पड़ेगा, आने वाले समय में अगर हमें सरकार से टकराना भी पड़ा तो हम ऐसा करेंगे।’’ 

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यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा की कड़ी आलोचना करते हुए उसे हर मोर्चे पर विफल बताया। साथ ही अपनी पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हासिल की गई उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि सपा को जब जब सत्ता में आने का मौका मिला तो उसने जनता के भले के लिए काम किया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि समाजवादियों ने जितना काम किया उससे आगे कोई काम नहीं हुआ। आज गरीब को इलाज नहीं मिल पा रहा है अस्पतालों में सुविधाएं नहीं हैं। यादव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सरकार जानबूझकर हमारी सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहती है ताकि उसे भी निजी हाथों में दे दिया जाए। जिस तरह से बहुत सी संस्थाएं निजी हाथों में चली गईं हैं, उसी तरह यह सरकार चाहती है कि स्वास्थ्य सेवाएं भी निजी हाथों में चली जाएं। आज रोजगार और नौकरियां नहीं है संविधान में हमें जो अधिकार मिले हैं उनसे छेड़छाड़ कर जानबूझकर सरकार हमारे बहुजन समाज को पीछे छोड़ना चाहती है।’’ सम्मेलन में राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव भी पारित किए गए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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