Samajwadi Party ने फिर किया हिंदू आस्था का अपमान, Akhilesh Yadav और Shivpal Yadav ने Ayodhya Ram Mandir चलने का निमंत्रण ठुकराया
हम आपको बता दें कि सतीश महाना ने कहा था, 'मुख्यमंत्री की मौजूदगी में पार्टी नेताओं ने उन्हें अयोध्या ले जाने का अनुरोध किया था। शिवपाल सिंह यादव (वरिष्ठ सपा नेता) ने भी कहा था कि अगर विधानसभा अध्यक्ष हमें ले जाएंगे तो हम जाएंगे।
समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर हिंदू आस्था का अपमान करते हुए राम मंदिर चलने का निमंत्रण ठुकरा दिया है। हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से सभी दलों के सदस्यों को 11 फरवरी को अयोध्या आने का निमंत्रण दिया था। इस निमंत्रण को अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव ने ठुकरा दिया है। इसी के साथ ही राम के मंदिर को लेकर फिर से सियासत शुरू हो गयी है।
हम आपको बता दें कि सतीश महाना ने कहा था, 'मुख्यमंत्री की मौजूदगी में पार्टी नेताओं ने उन्हें अयोध्या ले जाने का अनुरोध किया था। शिवपाल सिंह यादव (वरिष्ठ सपा नेता) ने भी कहा था कि अगर विधानसभा अध्यक्ष हमें ले जाएंगे तो हम जाएंगे। इसलिए मैं आप सभी को आमंत्रित कर रहा हूं।" अध्यक्ष ने कहा था कि उन्हें 11 फरवरी को साढ़े 11 बजे तक अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। सदस्य पहले हनुमानगढ़ी मंदिर जाएंगे और फिर दोपहर साढ़े 12 से दो बजे तक राम मंदिर में दर्शन करेंगे।
यहां यह समझने की जरूरत है कि जब विधानसभा के सभी सदस्यों को निमंत्रण दिया गया है तो यह कोई दलीय आयोजन तो है नहीं कि समाजवादी पार्टी इसमें जाने से इंकार करे। इसलिए सवाल उठता है कि पहले 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा कर और अब सरकार की ओर से सभी विधायकों को रामलला के दरबार में चलने का निमंत्रण ठुकरा कर समाजवादी पार्टी ने सिर्फ हिंदू आस्था को ठेस पहुँचाई है या राम और अयोध्या में बने भव्य मंदिर के प्रति अपनी नफरत का इजहार भी किया है? हम आपको याद दिला दें कि अखिलेश यादव को 22 जनवरी को रामलला के नये विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भी निमंत्रण दिया गया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।
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हम आपको बता दें कि अयोध्या चलने का निमंत्रण ठुकराते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि वह आगामी 11 फरवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे बल्कि पार्टी नेता अखिलेश यादव से उनके तथा पार्टी के अन्य सदस्यों के लिये अयोध्या जाने की अलग से व्यवस्था करने की गुजारिश करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘11 फरवरी को अयोध्या जाने का हम लोगों का कोई औचित्य नहीं है। हम अपने नेता अखिलेश यादव से कहेंगे कि वह अलग से व्यवस्था कराएं, तब हम जाएंगे।’’
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधान भवन में इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पहले ही कह चुका हूं कि मैं एक दर्शनार्थी के रूप में अपने परिवार के साथ अयोध्या जाऊंगा। जब भगवान राम का बुलावा आएगा तो मैं जाऊंगा।'' सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जब भगवान राम का बुलावा आयेगा तब वह एक श्रद्धालु के रूप में अयोध्या जाएंगे।
वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा के इंकार पर करारी चुटकी लेते हुए कहा है कि जो राम का विरोध करेगा उसे रामभक्त चुनावों में सजा देंगे। उन्होंने कहा है कि हम यही कह सकते हैं कि भगवान उन लोगों को सद्बुद्धि दे।
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