अखिलेश यादव का आरोप, मुसलमानों के प्रति नफरत फैला रही है भाजपा
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार कोरोना वायरस के लक्षण विकसित होने पर उसके बारे में प्रशासन को नहीं बताने वाले लोगों को जेल भेजने का डर दिखा रही है। ऐसा करने के बजाय उसे लोगों में विश्वास पैदा करना चाहिए ताकि लोग खुद सामने आएं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री टीम-11 के साथ मैच खेलने में व्यस्त हैं। वह कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न संकट को संभालने के प्रति गंभीर नहीं हैं। अपने पिछले तीन साल के कार्यकाल के दौरान योगी राज्य में मूलभूत ढांचा तैयार करने में नाकाम रहे हैं और उन्होंने केवल पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में हुए विकास का ही इस्तेमाल किया है। उन्हें अब यह बात मान भी लेनी चाहिए। यादव ने कहा कि भाजपा के विधायकों के बीच हताशा बढ़ रही है। मुख्यमंत्री जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहे हैं और अधिकारी प्रदेश पर राज कर रहे हैं। उन्होंने कहा आखिर प्रदेश के मंत्री कहां चले गए? उन्हें तो जिलों का प्रभारी बनाया गया था। उन्हें बाहर निकलने से किसने रोका है? मुख्यमंत्री सिर्फ अधिकारियों के कहने पर चल रहे हैं। लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के बारे में विचार पूछे जाने पर यादव ने कहा कि इसके अलावा और रास्ता भी क्या है। लॉकडाउन करना, कोविड-19 की जांच बढ़ाना और घरों में रहना ही एकमात्र चारा है।उप्र के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 28, 2020
इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण अब पुलिस बल और नर्सों में भी फैल रहा है लिहाजा उनके संपर्क में आए लोगों को भी तलाशा जाना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार कोरोना वायरस के लक्षण विकसित होने पर उसके बारे में प्रशासन को नहीं बताने वाले लोगों को जेल भेजने का डर दिखा रही है। ऐसा करने के बजाय उसे लोगों में विश्वास पैदा करना चाहिए ताकि लोग खुद सामने आएं। अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों को यह भरोसा दिलाया जाना चाहिए कि उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा। उन्हें धमकाया नहीं जाना चाहिए।
अन्य न्यूज़