यादवों के गढ़ में रोड शो के बाद अखिलेश ने किया नामांकन
सपा के टिकट पर पिता मुलायम की विरासत को संभालने के लिए वर्तमान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ से मैदान में हैं। भाजपा ने इस सीट पर भोजपुरी गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को मैदान में उतारा है।
लखनऊ। अखिलेश यादव ने कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कोर्ट पहुंच कर नामांकन दाखिला किया। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी और बसपा नेता सतीश मिश्रा भी मौजूद रहे। सपा समर्थकों ने फूलों के साथ उनका स्वागत किया। नामांकन करने से पहले अखिलेश ने रोड शो करके शक्ति प्रदर्शन भी किया था जिसमें समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली। नामांकन करने जाने से पहले अखिलेश यादव पत्रकारों से मुखातिब होते हुए बोले कि जनता जागरूक हो गई है। इसलिए पहले और दूसरे चरण के चुनाव में वोटों की बारिश हो रही है। इसी तरह से वोटों की बारिश आगे भी होगी। यह बारिश समाजवादी धरती आजमगढ़ पर भी होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आजमगढ़ में सपा-बसपा द्वारा किए गए कामों के आधार पर गठबंधन जीतेगा। भाजपा को बताना पड़ेगा कि उन्होंने देश और प्रदेश में क्या काम कराया है? भाजपा को पांच सालों का नहीं बल्कि सात सालों का हिसाब देना होगा।
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सपा के टिकट पर पिता मुलायम की विरासत को संभालने के लिए वर्तमान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ से मैदान में हैं। भाजपा ने इस सीट पर भोजपुरी गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को मैदान में उतारा है। जिससे लड़ाई यदाव बनाम यादव की हो गई है। सपा-बसपा के संयुक्त रथ पर सवार अखिलेश जिले में अब तक हुए विकास को आधार बनाकर इतिहास रचने की बात कह रहे हैं। वहीं, भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव के रोड शो आदि में उमड़ रही भीड़ दूसरे दलों की परेशानी बढ़ा रही है। कुल मिलाकर सीट पर दोनों प्रत्याशियों और दलों के कड़े इम्तिहान की उम्मीद जताई जा रही है।
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बात करें वर्ष 2014 कि तो लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट पर तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़े थे। भाजपा से बाहुबली रमाकांत यादव और बसपा से शाह आलम गुड्डू जमाली मैदान में थे। चुनाव में मुलायम सिंह यादव को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा था। स्थिति ये थी कि चुनाव जीतने के लिए पूरे सपाई कुनबे को लगना पड़ा था। मुलायम सिंह ने लगभग 63 हजार वोट से रमाकांत यादव को पराजित किया था। इस बार समीकरण पिछले चुनाव से काफी बदले हुए हैं।
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2014 लोकसभा चुनाव में इनके बीच हुई थी भिड़ंत
सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने साल 2014 के चुनाव में आजमगढ़ की सीट पर 3 लाख 40 हजार 306 मत लाकर विजय हुए थे। वहीं भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे रमाकांत यादव को 2 लाख 76 हजार 998 मत मिले थे। सपा प्रत्याशी शाह आलम 2 लाख 66 हजार 528 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
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2019 के रण में इनपर टिकी हैं सबकी नजरें
सपा की और से मुलायम सिंह के पुत्र और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावी मैदान में है तो वहीं भाजपा ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ पर भरोसा जताया है। ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा की तरफ से यशवंत सिंह उर्फ शिब्ली सिंह मैदान में है।
आजमगढ़ का जातीय समीकरण
इस सीट पर यादव 3.5 लाख हैं वहीं मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 3 लाख के करीब बताई जाती है। दलित वोटर 2.5 लाख के करीब हैं तो ब्राह्मण और राजभर एक-एक लाख के करीब हैं। ठाकुर मतदाता भी 1.5 लाख के करीब बताए जाते हैं।
आज़मगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने नामांकन प्रस्तुत किया। pic.twitter.com/YKsASg8RTf
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 18, 2019
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