I.N.D.I.A. में रार, MP को लेकर भड़के अखिलेश ने कहा, अगर कांग्रेस का यही व्यवहार रहा तो उन पर कौन करेगा भरोसा

Akhilesh Yadav
ANI
अंकित सिंह । Oct 20 2023 2:33PM

अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस को जब समर्थन की जरूरत थी उस समय समाजवादी पार्टी ने उसका समर्थन किया। जिस समय कांग्रेस के नेताओं से बात हुई उस समय मैंने कहा था कि जो हमसे सहयोग लेना चाहो ले लो, हम भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे।

मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में तनातनी बढ़ गई है। इंडिया गठबंधन में होने के बाद भी दोनों दलों के बीच राज्य में गठबंधन नहीं हो सका है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगा रहे है। अखिलेश ने कहा कि अगर कांग्रेस (मध्य प्रदेश में) सीटें नहीं देना चाहती थी तो उन्हें यह पहले ही कहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि भारत गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर (संसदीय) चुनाव के लिए है। अगर कांग्रेस का यही व्यवहार रहा तो उन पर भरोसा कौन करेगा? मन में भ्रम लेकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे तो सफल नहीं होंगे। 

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अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस को जब समर्थन की जरूरत थी उस समय समाजवादी पार्टी ने उसका समर्थन किया। जिस समय कांग्रेस के नेताओं से बात हुई उस समय मैंने कहा था कि जो हमसे सहयोग लेना चाहो ले लो, हम भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उस समय रात 1 बजे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। बैठक के बाद हमें आश्वासन दिया गया कि विधानसभा चुनाव में हमें लगभग 6 सीटें दी जा सकती हैं लेकिन जब कांग्रेस की सूची आई तो हमारी जीती हुई सीटों पर भी उन्होंने प्रत्याशी घोषित कर दिया। मजबूरी में समाजवादियों को अपने मजबूत क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझते हुए चुनाव लड़ाना पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी केवल उन्हीं सीटों पर लड़ेंगे जहां हमारा संगठन है और जहां से हम भाजपा को हराना चाहते हैं।

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मध्य प्रदेश में देखा जाए तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच बातचीत शुरू हुई थी। हालांकि किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही यह खत्म हो चुकी है। दोनों राजनीतिक दलों ने अपने-अपने रास्ते अलग कर लिए हैं। इसके बाद दोनों ओर से शब्द बाण भी एक-दूसरे के खिलाफ चलाए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन पर ब्रेक लगने से अखिलेश यादव नाराज है। उन्होंने यह तक कह दिया है कि मध्य प्रदेश में अगर यह गठबंधन नहीं हुआ तो भविष्य में प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा। कमलनाथ ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का ध्यान लोकसभा चुनाव पर है और अगर यह गठबंधन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में होता है तो अच्छा होता। कमलनाथ ने कहा कि चुनावी साझेदारी (सहयोगियों के साथ) में कुछ जटिलताएं हैं क्योंकि कांग्रेस को स्थानीय स्थिति पर विचार करना होगा। आप भी वहा अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन नहीं होने के बाद जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी भी कांग्रेस पर आक्रामक हो गई है और इसका सीधा कनेक्शन राजस्थान से है।

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