शरद पवार से अलग अजीत की राय, बोले- CAA-NPR के खिलाफ प्रस्ताव की जरूरत नहीं
अजीत पवार ने दो टूक कहा कि नागरिकता संशोधन कानून, प्रस्तावित एनपीआर और एनआरसी से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। कुछ लोग इसको लेकर अफवाह फैला रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में सीएए और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोई जरूरत नहीं है।
महाराष्ट्र की शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाअघाड़ी सरकार के बनने के शुरीआत ही आपसी तालमेल और कई मुद्दों पर आपसी तकरार लगातार देखने को मिलती रहती है। नागरिकता संशोधन कानून पर शरद पवार और कांग्रेस की विचारधारा से उलट उद्धव ठाकरे अपनी राय प्रकट कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सीएए का समर्थन करते हुए कहा था कि इससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। इसे शरद पवार ने उनका निजी नजरिया बताकर खारिज कर दिया था। वहीं अब शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार भी खुलकर सीएए के समर्थन में आ गए हैं।
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अजीत पवार ने दो टूक कहा कि नागरिकता संशोधन कानून, प्रस्तावित एनपीआर और एनआरसी से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। कुछ लोग इसको लेकर अफवाह फैला रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में सीएए और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोई जरूरत नहीं है। अजीत पवार यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी।' गौरतलब है कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पिछले महीने कहा था कि अन्य आठ राज्यों की तरह महाराष्ट्र को भी सीएए लागू करने से इन्कार कर देना चाहिए, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे देश का धार्मिक और सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा।
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