अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने के बाद नकवी बोले, देश सुरक्षित हाथों में
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का मूल मंत्र और संकल्प है देश में विकास-देशवासियों में विश्वास।
अजमेर। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भारत सुरक्षित हाथों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और देशवासियों की सुरक्षा से किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस्लाम को "सुरक्षा कवच" बनाकर "आतंकवाद का तांडव" करने वाले संगठन और लोग इस्लाम के सबसे बड़े दुश्मन हैं। भारत पूरी दुनिया के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक सौहार्द और एकता की मिसाल है। हमें हर हाल में सौहार्द तथा एकता की अपनी इस सामाजिक बुनियाद की सांझी विरासत को और मजबूत करना होगा।’’
India is in safe hands. There will be no compromise with the security of the country and its people under the strong and able leadership of PM Shri @narendramodi . pic.twitter.com/rUuYrClOrC
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) March 6, 2019
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का मूल मंत्र और संकल्प है "देश में विकास-देशवासियों में विश्वास"। हमारा लक्ष्य है, "सबका साथ, सबका विकास।" केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने बुधवार को अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर ख्वाजा साहब के 807वें उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चादर पेश की और उपस्थित लोगों को उनका संदेश को पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, “इंसानियत और इंसाफ” के लिए सूफी-संतों के संस्कार और आतंकवाद के खिलाफ “राष्ट्रवादी योद्धा” के संकल्प से भरपूर हैं।
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नकवी ने कहा कि भारत के आध्यात्मिक संतों-सूफियों की संस्कृति और संस्कार, दहशतगर्दी और आतंकवाद को परास्त करने तथा इंसानियत और अमन की गारंटी हैं। मोदी ने अपने संदेश में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के अवसर पर भारत तथा पूरे विश्व में उनके अनुयायियों को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा, "भारत में विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों, मान्यताओं और आस्थाओं का सद्भावपूर्ण सह-अस्तित्व ही हमारे देश की खूबसूरती है। हमारे देश में विभिन्न संतों, पीर व फकीरों ने समय-समय पर शांति, एकता और सद्भावना का पैगाम दिया है। जीवन में अनुशासन, शालीनता और संयम के प्रसार में उनकी भूमिका प्रमुख रही है।"
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