एंटी फ्रीज तकनीक के इस्तेमाल से केलांग में माइनस तापमान में पेयजल आपूर्ति की कार्य योजना तैयार

Ram Lal Markanda

जनजातीय विकास मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने कहा कि जिला प्रशासन और जल शक्ति विभाग को इस महत्वाकांक्षी योजना को तय समय में शुरु करके इसे पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है। डॉ रामलाल मारकंडा ने कहा कि केलांग जिला मुख्यालय में सभी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर मुहैया किया जाएगा।

केलांग जनजातीय जिला लाहौल- स्पीति के मुख्यालय केलांग में पूरा साल और विशेष तौर से बर्फीली सर्दियों में भी निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के मकसद से जल शक्ति विभाग द्वारा तैयार कार्य योजना को जल्द अमलीजामा पहनाने को लेकर जनजातीय विकास मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने कहा कि जिला प्रशासन और जल शक्ति विभाग को इस महत्वाकांक्षी योजना को तय समय में शुरु करके इसे पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है। डॉ रामलाल मारकंडा ने कहा कि केलांग जिला मुख्यालय में सभी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर मुहैया किया जाएगा।

 

उपायुक्त नीरज कुमार ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को भी इसी लक्ष्य के तहत निर्देश जारी कर दिए  हैं। उन्होंने कहा कि योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी ताकि योजना तय समय में पूरी हो।

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गौरतलब है कि समुद्र तल से 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित केलांग में विशेष तौर से सर्दियों के मौसम में पानी जम जाने की वजह से लोगों को किल्लत का सामना करना पड़ता है।    डॉ मारकंडा ने बताया कि इस कार्य योजना के पूरा होने के बाद माइनस तापमान में भी केलांग में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। योजना के तहत एंटी फ्रीज वाटर सप्लाई सिस्टम की सुविधा मुहैया करने की व्यवस्था होगी। 

 

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यह महत्वपूर्ण योजना 13 करोड़  78 लाख की राशि से पूरी होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के टेंडर की प्रक्रिया को मार्च 2022 तक पूरा करके निर्माण कार्य को शुरु करने के निर्देश दिए गए हैं। इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर तय मानकों और तकनीक के अनुरूप निर्मित करने की दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। ये भी उल्लेखनीय है कि जहां अटल टनल ने लाहौल घाटी में प्रवेश के मार्ग को सुगम कर दिया है, वहीं इसके चलते घाटी में आने वाले सैलानियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। केलांग जिला मुख्यालय होने के साथ सैलानियों का ठहराव स्थल भी है ।

 

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ऐसे में यदि ये योजना धरातल पर उतरती है तो केलांग वासियों के अलावा यहां कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के लिए भी राज्य सरकार की तरफ से यह एक बहुत बड़ा तोहफा होगा।  अमेरिका और यूरोपीय देशों में बर्फबारी के दौरान शून्य से नीचे तापमान में भी पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के अध्ययन के बाद ये फैसला लिया गया है कि उसी तकनीक का उपयोग करके पेयजल आपूर्ति को कारगर बनाया जाए। इस तकनीक में पेयजल आपूर्ति के पाइप नेटवर्क को जमीन से नीचे करीब 4 फुट की गहराई में बिछाया जाएगा। इसके अलावा एंटी फ्रीज तकनीक  के अन्य पहलुओं का भी इसमें समावेश होगा। 

 

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डॉ मारकंडा ने ये भी कहा कि इस कार्य योजना के फलीभूत होने पर इस मॉडल को घाटी के अन्य क्षेत्रों में भी शुरू किया जा सकता है। बीते कुछ सालों के दौरान केलांग में पर्यटन ने भी काफी विस्तार लिया है। ऐसे में पेयजल आपूर्ति योजना होटल, रेस्तरां और होम स्टे संचालकों के लिए अत्यंत ही मददगार साबित होगी।  जल शक्ति विभाग के अधिशासी  अभियंता विनोद धीमान ने बताया कि पाइप नेटवर्क को करीब 4 फुट की गहराई में बिछाया जाएगा।

 

इतनी गहराई में पानी के जमने की संभावना नहीं रहती। इसके अलावा विशेष तकनीक की मौजूदगी भी उपभोक्ताओं को पेयजल की आपूर्ति सीधे उनके घर तक पहुंचाने में मदद  करेगी। उन्होंने कहा कि पाइप इंसुलेटेड होने के कारण गर्मी को बनाए रखने में मदद करेगी। जिसके चलते पानी पाइप के भीतर नहीं जमेगा और उपभोक्ताओं को माइनस तापमान में भी पानी की सहूलियत मिलेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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