PM Modi के सेकुलर सिविल कोड के अह्वान को अभिषेक मनू सिंघवी ने बताया जुमलेबाजी, कही यह बड़ी बात

Abhishek Manu Singhvi
ANI
अंकित सिंह । Sep 3 2024 3:45PM

मोदी ने कहा था कि देश के लिए ‘धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता’ समय की मांग है। अभिषेक सिंघवी ने इसकी आलोचना करते हुए इसे महज जुमलेबाजी या बयानबाजी करार दिया।

देश में समान नागरिक संहिता को लेकर चर्चा जारी है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसको लेकर लालकिले से बड़ा बयान दिया था। इसी को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनू सिंघवी ने मोदी के बयान पर पलटवार किया है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में मोदी ने कहा था कि देश के एक बड़े वर्ग का मानना ​​है, जो सच भी है, कि नागरिक संहिता वास्तव में एक तरह से सांप्रदायिक नागरिक संहिता है। यह (लोगों के बीच) भेदभाव करती है। उन्होंने कहा था कि देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने वाले और असमानता का कारण बनने वाले कानूनों की आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस ने फिर साधा सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच निशाना, पूछा-ऐसी कौन सी नौकरी है, जिसमें पेंशन सैलरी से ज्यादा है

इसके साथ ही मोदी ने कहा था कि देश के लिए ‘धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता’ समय की मांग है। अभिषेक सिंघवी ने इसकी आलोचना करते हुए इसे महज जुमलेबाजी या बयानबाजी करार दिया। सिंघवी का तर्क है कि ऐसी अवधारणाओं को अक्सर चुनावों से ठीक पहले राजनीतिक लाभ के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श किए बगैर लाल किले की प्राचीर से कोई भी ‘एक्स, वाई, जेड’ घोषणा नहीं कर सकते। आज मैं गुण दोष पर नहीं, बल्कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर चर्चा कर रहा हूं। क्या आप इसे एक निश्चित उच्च स्तर के परामर्श के बिना लागू कर सकते हैं। यह कहने का क्या मतलब है कि “मैं एक समान नागरिक संहिता लाने जा रहा हूं”, लेकिन आप इसे धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कह रहे हैं, क्योंकि आप जानते हैं कि आप इसे आम सहमति से लागू नहीं कर सकते।

इसे भी पढ़ें: Karnataka: क्या CM पद छोड़ देंगे सिद्धारमैया? अटकलों पर कांग्रेस नेता का आया बयान

चार बार के सांसद एवं जाने-माने वकील सिंघवी ने कहा, “क्या कभी इस पर ध्यान दिया गया कि उत्तराखंड में यूसीसी होगा, लेकिन जब आप उत्तर प्रदेश में कार से उतरें, तो यूसीसी नहीं होगा... क्या यह समान नागरिक संहिता है या लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है?” उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर आप उत्तराखंड के निवासी हैं, तो यह (समान नागरिक संहिता) आप पर लागू होगी, लेकिन अगर आप दिल्ली में काम करने लगेंगे, तो यह आप पर लागू नहीं होगी। ये लोगों को बेवकूफ बनाने के हथकंडे हैं। आप हर किसी को, हर समय बेवकूफ नहीं बना सकते।” सिंघवी ने कहा कि अगर अवधारणाओं को आम सहमति से लागू किया जाता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कहना एक ‘नौटंकी’ है और नाम या ‘लेबल’ बदलने से कोई अवधारणा नहीं बदल जाती। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़