अबकी महाकुंभ में दिखेगी चंद्रशेखर आजाद की ऐतिहासिक पिस्तौल की झलक
संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डा. राजेश मिश्रा ने बताया कि इस बार महान क्रांतिकारियों के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी के आयोजन की तैयारी है। प्रदेश सरकार महाकुंभ मेला क्षेत्र में संग्रहालय को जगह उपलब्ध करा रही है।
लखनऊ। योगी सरकार की देखभाल में इस बार ऐतिहासिक महाकुंभ का भव्य आयोजन हो रहा है। इसमें अबकी से लीक से हटकर भी कई चीजें देखने को मिलेंगी। इसी क्रम में अबकी से महाकुंभ में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की पहल पर अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की ऐतिहासिक पिस्तौल की प्रतिकृति की भी झलक देखने को मिलेगी। देश को अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता मिलने पर चंद्रशेखर आजाद का बड़ा योगदान रहा है, उनकी पिस्तौल महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र रहेगी, स्वतंत्रता सेनानियों का इससे अधिक सम्मान क्या हो सकता है।
संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डा. राजेश मिश्रा ने बताया कि इस बार महान क्रांतिकारियों के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी के आयोजन की तैयारी है। प्रदेश सरकार महाकुंभ मेला क्षेत्र में संग्रहालय को जगह उपलब्ध करा रही है। इसमें धरोहरों की प्रदर्शनी लगेगी, आजाद की पिस्तौल की प्रतिकृति भी प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा भी प्राचीन हथियारों की प्रतिकृति विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
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बता दें आजाद ने जिस पिस्तौल से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे उससे फायर होने पर धुआं नहीं निकलता था। इसलिए अंग्रेज़ों को पता ही नहीं चल पाता था कि गोलियां किधर से आ रही हैं। डा. राजेश मिश्रा ने बताया कि यह कोल्ट कंपनी की प्वाइंट 32 बोर की हैमरलेस सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल। इसमें एक बार में आठ गोलियों की मैगजीन लगती। इलाहाबाद संग्रहालय में यह धरोहर स्वरूप है और अब महाकुंभ में इसे दुनिया देखेगी। गौरतलब हो, महाकुंभ का शुभारंभ अगले वर्ष 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के अवसर से हो जाएगा। इसके अगले ही दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति का शाही स्नान होगा।
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