दिग्विजय सिंह का दावा, जनसंघ में शामिल होने के न्यौते को किया था इनकार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक चौंका देने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें भी जनसंघ में शामिल होने का न्यौता मिला था लेकिन गोलवरकर के विचारों को पढ़ने और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोगों से बातचीत करने के बाद मैंने जनसंघ में शामिल होने से मना कर दिया था।
भोपाल। मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक चौंका देने वाला खुलासा किया है। दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि उन्हें भी जनसंघ में शामिल होने का न्यौता मिला था लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। आपको बता दें कि जनसंघ ही बाद में भारतीय जनता पार्टी बन गई थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे राजमाता विजयाराजे का आज भी बहुत सम्मान करते हैं।
सिंधिया पर राजनीतिक हमले करते हुए दिग्विजय ने कहा कि राज्यसभा की टिकट और मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए आपने कांग्रेस और गांधी परिवार को धोखा दिया है। आपको बता दें कि पिता माधवराव सिंधिया की मौत के बाद साल 2002 में ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में सक्रिय हुए थे। सिंह ने आगे कहा कि साल 1970 में जब वह राघौगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष थे तो राजमाता विजयाराजे ने उन्हें जनसंघ में शामिल होने को कहा था लेकिन गोलवरकर के विचारों को पढ़ने और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोगों से बातचीत करने के बाद मैंने जनसंघ में शामिल होने से मना कर दिया था।
Rajmata Vijaya Raje Scindhia for whom I had and still have the greatest regard and respect wanted me to join Jan Sangh in 1970 when I was President of Raghogarh Nagar Palia but I politely refused when I read Bunch of Thoughts of Guru Golwalkar and interacted with the RSS leaders
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 14, 2020
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