‘6जी’ मानकों व विनियमों में सभी के लिए समावेशिता सुनिश्चित होनी चाहिए: सिंधिया
मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे 6जी मानक जो अभूतपूर्व गति, कम विलंबता और परिवर्तनकारी अनुप्रयोगों की विशेषता रखते हैं...सभी के लिए समावेशी, सुलभ व किफायती होने चाहिए और केवल तभी यह समग्र मानवता के वास्तविक मूल्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।’’
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि 6जी से संबंधित मानकों तथा नियमों से सभी के लिए समावेशिता और सामर्थ्य सुनिश्चित होना चाहिए। इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) में अंतरराष्ट्रीय 6जी संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर सिंधिया ने कहा कि चूंकि 6जी के लिए मानक तय किए जा रहे हैं, इसलिए प्रौद्योगिकी तथा इंजीनियरिंग में अपनी सिद्ध क्षमताओं को देखते हुए भारत के पास जबरदस्त अवसर हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे 6जी मानक जो अभूतपूर्व गति, कम विलंबता और परिवर्तनकारी अनुप्रयोगों की विशेषता रखते हैं...सभी के लिए समावेशी, सुलभ व किफायती होने चाहिए और केवल तभी यह समग्र मानवता के वास्तविक मूल्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।’’
सिंधिया ने 6जी अवसर का लाभ उठाने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ जैसा कि हम विनियामक वातावरण तैयार करते हैं, भारत के पास विनियमनों के निर्माण में योगदान देने की जबरदस्त क्षमता है।’
भारत में एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग या गणित) स्नातकों की एक बड़ी संख्या है। इसकी प्रौद्योगिकी प्रगति एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करती है क्योंकि दुनिया 6जी की ओर बढ़ रही है। मंत्री ने कहा, ‘‘ दुनिया के करीब 31.7 प्रतिशत एसटीईएम स्नातक भारत से हैं।
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