देश में कोरोना के मामलों की संख्या 20 हजार के पार, अब तक 652 लोगों की मौत
कोरोना के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एक अध्यादेश जारी करने और इसके लिये महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन करने के मंत्रालय के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी।
मंत्रालय ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को हरसंभव कारगर उपाय करने का निर्देश दिया है। साथ ही राज्य सरकारों से कहा गया है कि कोरोना संकट के कारण उपजी मौजूदा परिस्थितियों में चिकित्साकर्मियों की सेवाओं के महत्व को देखते हुये उन्हें विशिष्ट स्थान दिया जाये। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से इस अभियान में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को बीमा सुरक्षा सहित अन्य सभी सहूलियतें भी देने को कहा है। मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षणों के आधार पर संभावित मरीजों का पता लगाने के लिये देशव्यापी स्तर पर एक ‘फोन सर्वेक्षण’ कराने की पहल की है।1486 new cases in the last 24 hours and 49 deaths: Ministry of Health and Family Welfare https://t.co/TCC16aPcj2
— ANI (@ANI) April 22, 2020
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राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईसी) द्वारा किये जा रहे इस सर्वेक्षण में फोन नंबर 1921 से लोगों के मोबाइल फोन पर कॉल की जायेगी। मंत्रालय ने देश के नागरिकों से इस सर्वेक्षण में भागीदारी करने और सही प्रतियुत्तर (फीडबैक) देने की अपील करते हुये कहा कि इसमें सभी से कोरोना के लक्षणों के बारे में पूछा जायेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के लक्षण उभरे बिना ही संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सरकार ने इस सर्वेक्षण के माध्यम से संभावित संक्रमितों की पहचान करने के लिये यह पहल की है। मंत्रालय ने हालांकि, इस सर्वेक्षण की आड़ में मिलते जुलते फोन नंबरों से होने वाले फर्जी सर्वेक्षणों से बचने की सलाह देते हुये लोगों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके फोन पर 1921 नंबर से ही कॉल की गयी है या नहीं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से भी इस सर्वेक्षण के बारे में लोगों को स्थानीय स्तर पर अवगत कराने के लिये कहा है।
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