कोविड-19 से उबरे 27 वर्षीय आईपीएस अधिकारी प्लाज्मा दान के लिए आगे आए
मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के रूप में इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि वह जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान पिछले महीने कोविड-19 की जद में आये थे और इलाज के बाद इसके संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
इंदौर (मध्य प्रदेश)। कोविड-19 से उबरे 27 वर्षीय प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी ने इस महामारी से जूझ रहे मरीजों की जान बचाने के लिये आगे आते हुए बृहस्पतिवार को यहां एक सरकारी अस्पताल में अपना प्लाज्मा दान किया। महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अशोक यादव ने बताया कि वर्ष 2018 बैच के प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी आदित्य मिश्रा (27) ने अस्पताल में अपना प्लाज्मा दान किया। उन्होंने बताया कि एमवाईएच, देश के उन चुनिंदा संस्थानों में शामिल है जिन्हें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड-19 मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के चिकित्सकीय प्रयोग की अनुमति दी है।
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यादव ने कहा, प्लाज्मा दान के साथ ही एमवाईएच में यह प्रयोग शुरू हो चुका है। हम कोविड-19 के कुछ गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरैपी परखने जा रहे हैं। इस प्रयोग के तहत एमवाईएच के पहले प्लाज्मा दानदाता बने प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी मिश्रा ने कहा, अगर गंभीर हालत वाले किसी मरीज को मेरा प्लाज्मा चढ़ाये जाने से उसे कोविड-19 से उबरने में मदद मिल सकती है, तो मैं खुद को बड़ा सौभाग्यशाली समझूंगा। मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के रूप में इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि वह जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान पिछले महीने कोविड-19 की जद में आये थे और इलाज के बाद इसके संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। वह अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद 14 दिन तक पृथक वास में भी रह चुके हैं।
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अधिकारियों ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में अब तक दो आईपीएस अधिकारी समेत कुल 31 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 22 पुलिसकर्मियों का इलाज जारी है, जबकि दोनों आईपीएस अफसरों समेत आठ पुलिस कर्मी इस संक्रमण से मुक्त होकर अस्पताल से घर लौट चुके हैं। कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद पुलिस निरीक्षक देवेंद्र कुमार चंद्रवंशी (41) की इलाज के दौरान यहां 18 अप्रैल की देर रात मौत हो गयी थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पुलिस निरीक्षक हालांकि इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो गये थे और डॉक्टरों ने संदेह जताया है कि उनकी मौत का तात्कालिक कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म (धमनी में खून का थक्का जमने से जुड़ी समस्या) है। लेकिन इस बात की संभावना है कि उनमें पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ही उत्पन्न हुई हो।
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