उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 22 नये मामले, अब तक कुल 18,30,16,714 कोविड डोज दी गयी

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छात्रवृत्ति की पात्रता की शर्तें एवं विस्तृत जानकारी भारत सरकार के सुसंगत दिशा-निर्देश में वर्णित प्रतिबंधों के अनुसार होगी। विस्तृत दिशा-निर्देश/पात्रता की शर्तें दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की छात्रवृत्ति सम्बंधी वेबसाइट तथा दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उ0प्र0 की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,78,314 सैम्पल की जांच की गयी है। जिसमें कोरोना संक्रमण के 22 नये मामले आये है। प्रदेश में अब तक कुल 9,03,72,465 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 15 तथा अब तक कुल 16,87,560 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 164 एक्टिव मामले हैं। उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में 13,73,556 डोज दी गयी। प्रदेश में कल तक पहली डोज 12,08,63,446 तथा दूसरी डोज 6,21,53,268 लगायी गयी हैं। कल तक कुल 18,30,16,714 कोविड डोज दी गयी है। प्रसाद ने बताया कि कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए सभी लोग कोविड अनुरूप आचरण करे। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कोविड हेल्पलाइन 18001805145 पर सम्पर्क करे।

दिव्यांग विद्यार्थी राष्ट्रीय छात्रवृत्ति के लिए करें आवेदन

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (छंजपवदंस ैबीवसंतेीपच च्वतजंस) के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु संचालित केन्द्र पोषित छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत प्री-मैट्रिक पोस्ट-मैट्रिक, एवं टॉप क्लास छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2021 निर्धारित की गयी है। यह छात्रवृत्ति शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए उपलब्ध करायी गयी है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय सारिणी के अनुसार ऑनलाइन आवेदन करने की अन्तिम तिथि 15 दिसम्बर, 2021 से बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2021 कर दी गयी है।

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छात्रवृत्ति की पात्रता की शर्तें एवं विस्तृत जानकारी भारत सरकार के सुसंगत दिशा-निर्देश में वर्णित प्रतिबंधों के अनुसार होगी। विस्तृत दिशा-निर्देश/पात्रता की शर्तें दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की छात्रवृत्ति सम्बंधी वेबसाइट तथा दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उ0प्र0 की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

‘‘मूल्यांकन एवं परीक्षण समिति‘‘ में एसवी शर्मा नामित

उ0प्र0 दुग्ध नीति-2018 के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन/परियोजना प्रस्तावों के मूल्यांकन एवं परीक्षण हेतु प्रमुख सचिव, दुग्ध विकास विभाग उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गठित ‘‘मूल्यांकन एवं परीक्षण समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में एसबी शर्मा, वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ (उद्यान) यू0पी0 डास्प, पिकप भवन, लखनऊ को नामित किया गया है। दुग्ध विकास विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है। 

जनपद चंदौली के चकिया ब्लाक में भटपुरवा रेगुलेटर की मरम्मत एवं आरसीसी चैनल आदि के निर्माण हेतु 14.19 लाख रूपये अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद चंदौली के चकिया ब्लाक में भटपुरवा रेगुलेटर के पुनरोद्धार, गूल मरम्मत एवं आरसीसी चैनल की परियोजना हेतु प्राविधानित धनराशि 5000 लाख रूपये में परियोजना के कार्यो हेतु 14.19 लाख रूपये अवमुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 16 दिसम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि इस सम्पूर्ण धनराशि का नियमानुसार सदुपयोग चालू वित्तीय वर्ष में कर लिया जाय। इसके साथ ही समस्त सुसंगत वित्तीय नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए कार्यवाही की जाय। स्वीकृत धनराशि का उपयोग अनुमोदित कार्यों पर ही किया जाय। किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो, तथा परियोजना में कराये जा रहे कार्यों पर गुणवत्ता नियंत्रण सम्बंधित मुख्य अभियंता द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही कराये गये कार्यों का सम्बंधित मुख्य अभियंता द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर निरीक्षण आख्या तथा फोटो आदि की सूचना सिंचाई एवं जल संसाधन अनुभाग-4 को उपलब्ध करानी होगी।

सिंचाई विभाग में संचालित पम्प/लिफ्ट नहरों, सरकारी नलकूपों पर उपभोग किये जाने वाली बिजली व्यय की अग्रिम भुगतान हेतु 7700 लाख रूपये स्वीकृत

सिंचाई विभाग में संचालित पम्प/लिफ्ट नहरों, सरकारी नलकूपों पर उपभोग किये जाने वाली विद्युत मूल्य का वित्तीय वर्ष 2021-22 में अग्रिम भुगतान हेतु प्राविधानित धनराशि 55000 लाख रूपये में से अवशेष 7700 लाख रूपये भुगतान किये जाने के लिए कतिपय शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन अनुमति प्रदान की गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद की ओर से 16 दिसम्बर, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है यदि किन्ही कारणवश पिछले माह के बिल/देयों का सत्यापन समायोजन नहीं हो पाता है तो इसके आधार पर धनराशि रोकी नहीं जायेगी। सत्यापन/समायोजन न होने के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। स्वीकृत की जा रही अग्रिम धनराशि के आहरण के पूर्व प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि इस प्रयोजन हेतु पूर्व में आहरित अग्रिम का नियमानुसार समायोजन किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 को अग्रिम के रूप में किये गये भुगतान के सापेक्ष सत्यापन/समायोजन की सूचना 15 दिन के भीतर उपलब्ध करानी होगी। 

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रूफटाप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली के लिए 185.00 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में शासकीय भवनों पर रूफटाप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित करने के लिए 185.00 लाख रूपये (रूपये एक करोड़ पचासी लाख मात्र) की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। इस सम्बंध में नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर निदेशक, भूगर्भ जल विभाग को आवश्यक निर्देश दे दिये गये हैं।

दिव्यांगजन मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल हेतु आवेदन आमंत्रित

प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा दिव्यांगजनों को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल उपलब्ध कराये जाने हेतु योजना संचालित है। योजनान्तर्गत इच्छुक दिव्यांगजन अपना ऑनलाइन आवेदन विभागीय वेबसाइट पर कराके हार्ड कापी तत्काल सम्बंधित जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी को उपलब्ध करा कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल योजना हेतु कतिपय नियम एवं शर्तें निर्धारित की गयी है। इसके तहत ऐसे दिव्यांगजन जो मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी, स्ट्रोक, सेरेब्रल पालिसी, हीमोफिलिया आदि से ग्रसित हो या व्यक्ति उपर्युक्त की भांति शारीरिक स्थिति में हो, उसकी दृष्टि अच्छी हो, मानसिक स्थिति अच्छी हो, कमर के ऊपर का हिस्सा (भाग) स्वस्थ हो, सम्बंधित दिव्यांगजन मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल पर बैठकर अपने हाथों से उपकरण का संचालन करने में सक्षम हो व मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा उसकी दिव्यांगता न्यूनतम 80 प्रतिशत या उससे अधिक प्रमाणित की गयी हो। ऐसे दिव्यांगजन जिनकी आयु 16 वर्ष या उससे अधिक है एवं जनपद के स्थायी निवासी हैं। ऐसे दिव्यांगजन या उनके परिवार की समस्त óोतों से वार्षिक आये रू0 1,80,000 से अधिक न हो। (तहसील द्वारा निर्गत आय प्रमाण के अनुसार)। ऐसे दिव्यांगजन जो हाईस्कूल या उच्चतर कक्षाओं में अध्ययनरत संस्थागत छात्र/छात्राओं को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी, जिसके सम्बंध में सम्बंधित संस्थाध्यक्ष द्वारा प्रदत्त प्रमाण‘पत्र कार्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। 

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इसके अतिरिक्त दिव्यांगजन को प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धान्त पर लाभान्वित किया जायेगा। पात्र दिव्यांगजन को यू0डी0आई0डी0 कार्ड उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। दिव्यांगजन को पूरे जीवनकाल में एक बार योजना से लाभान्वित किया जायेगा। ऐसे दिव्यांगजन जिन्हें सांसद, विधायक या अन्य सरकार द्वारा अनुदानित óोतों के माध्यम से पूर्व में मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल प्राप्त हुई है, पात्र नहीं होंगे। पात्र दिव्यांगजन को योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु वांछित संलग्नकों को संलग्न करना आवश्यक है। जिसमें दिव्यांग प्रमाण पत्र 80 प्रतिशत या उससे अधिक का हो मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत किया गया हो, आय प्रमाण पत्र वार्षिक आय रू0 1,80,000 से अधिक न हो, जो तहसील द्वारा निर्गत किया गया हो, मूल निवास प्रमाण पत्र, विद्यार्थी वर्ग हेतु हाईस्कूल का शैक्षिक प्रमाण पत्र, आवेदक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का है तो जाति प्रमाण पत्र, यू0डी0आई0डी0 कार्ड, आधार कार्ड/अन्य सम्बंधित प्रमाण पत्र तथा दिव्यांगता दर्शाता हुआ एक पासपोर्ट साइट का नवीनतम फोटोग्राफ एवं मोबाईल नम्बर का विवरण देना होगा। जनपद लखनऊ के पात्रता वाले दिव्यांगजन योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर हार्डकापी किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, पंचायत भवन परिसर, कैसरबाग, लखनऊ में जमा करा सकते हैं।

कार्यशील हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं से संबन्धित बैठक 20 दिसम्बर को

                                                             

प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग दीपक कुमार की अध्यक्षता में कार्यशील हाईटेक टाउनशिप परियोजनाओं से संबंधित वर्चुअल बैठक 20 दिसम्बर को अपरान्ह 4.00 बजे आयोजित की गयी है, जिसमें विकास प्राधिकरण गाजियाबाद, बुलन्दशहर, प्रयागराज तथा मथुरा-वृन्दावन के उपाध्यक्षों द्वारा आन लाईन प्रतिभाग किया जायेगा।

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प्रदेश में अब तक 29.96 मीट्रिक टन हुई धान खरीद

खरीफ खरीद वर्ष 2021-22 के तहत प्रदेश में खोले गए विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, अब तक 2996938.57 मीट्रिक टन धान की खरीद की गयी है। इस योजना से 422679 किसानों को लाभान्वित किया गया है तथा उनके खातों में 4023.171 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज 138082.11 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। खरीद लक्ष्य के सापेक्ष 42.81 प्रतिशत खरीद की जा चुकी है। धान खरीद केन्द्रों पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका पूरा-पूरा ध्यान रखते हुए खरीद की जा रही है।

लड़कियों के शादी की न्यूनतम उम्र सीमा 21 वर्ष होना लैंगिक समानता का अहम कदम- मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह

लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने से वाकई लैंगिक समानता के लिए अहम कदम है।  21 वर्ष की उम्र में शादी करने से उनको अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए अच्छा मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री जी जो कहते हैं, वह करते हैं। इसके साथ ही मातृ मृत्युदर में भी कमी आएगी। ये बातें उत्तर प्रदेश सरकार में बाल विकास एवं महिला कल्याण  राज्य मंत्री (स्वंतत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर कदम पर आधी आबादी की प्रगति की बात सोचते रहते हैं। इसी के तहत उन्होंने तीन तलाक पर कानून लाकर मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दिया। इससे वे भी आज अपने हक की बात करने लगी हैं। लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने पर सर्व प्रथम बच्चियों में समानता का बोध होगा, क्योंकि लड़कों के शादी की उम्र पहले से ही 21 वर्ष है।

सिंह ने कहा कि 2018 में ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दोनों की शादी की न्यूनतम उम्र एक समान करने की सिफारिश की थी। इसके लिए कई महिला संगठन भी सिफारिश कर चुके हैं। लड़कियों के शादी की न्यूनतम उम्र कम होने से उनके उच्च शिक्षा में भी बाधक बनता है। इस नये कानून के बन जाने से लड़कियों की अच्छी शिक्षा भी मिलने की दर बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि 18 की उम्र में तो बच्चे अभी उच्च शिक्षा की ओर बढ़ रहे होते हैं। परिवार के गार्जियन इसी उम्र में शादी की सोचने लगते हैं। इससे अधिकांश बच्चियों की उच्च शिक्षा का सपना अधूरा रह जाता है।

श्रीमती सिंह ने कहा कि यह महिलाओं के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे उनके विकास का रास्ता प्रशस्त होगा। समानता के बोध के साथ ही उनके आर्थिक विकास में भी बांधाओं को दूर करेगा।

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पश्चिमी उ0प्र0 में आलू की फसल में पिछेता झुलसा बीमारी से बचाव के लिए आलू किसानों को सलाह

प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉ0 आर0के0 तोमर द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आलू की फसल में पिछेता झुलसा बीमारी के प्रबंधन के सम्बंध में सूचना जारी की गयी है। 

डॉ0 तोमर ने बताया कि प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में माह दिसम्बर के मौसम में लगातार आद्रता बनी हुई है। मौसम की यह स्थिति आलू फसल की पिछेता झुलसा बीमार के लिए अनुकूल है। इस परिस्थिति में सभी आलू किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि जिन किसानों की आलू की फसल में अभी पिछेता झुलसा बीमारी प्रकट नहीं हुई है, वे मेन्कोजेब या प्रोपीनेब या क्लोरोथेंलोनील युक्त फफूंदनाशक दवा का 2.0-2.5 किग्रा0 मात्रा को 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव तुरन्त करंे। जिन खेतों में बीमारी लग चुकी है उनमें किसी भी सिस्टमिक फफूंदनाशक-साइमोक्सानिल$मेन्कोजब या फनोमिडो$मेन्कोजेब या डाइमेथोमार्फ$मेन्कोजब का 0.3 प्रतिशत (3.0 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर 1000 लीटर पानी में) की दर से छिड़काव करें। यदि बारिश की सम्भावना बनी हुई है और पत्ती गीली है तो फफूंदनाशक के साथ 0.1 प्रतिशत स्टीकर का भी प्रयोग करें। साथ ही उन्होंने बताया कि फफूंदनाशक को दस दिन के अन्तराल पर पुनः छिड़काव किया जा सकता है। बीमारी की तीव्रता के आधार पर इस अन्तराल को घटाया या बढ़ाया जा सकता है।

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धार्मिक स्थलों को मुख्य मार्ग से जोड़ने हेतु मार्गों के निर्माण, चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण/सौन्दर्यीकरण योजना के 46 चालू कार्यों हेतु रू0 19 करोड़ 27 लाख 82 हजार की धनराशि की गयी अवमुक्त

उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के महत्वपूर्ण मार्गों/सेतुओं तथा मार्गों पर प्रवेश द्वार की स्थापना एवं अन्य सौन्दर्यीकरण के कार्य तथा धार्मिक स्थलों को मुख्य मार्ग से जोड़ने हेतु मार्गों के निर्माण, चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण/सौन्दर्यीकरण योजना के 46 चालू कार्यों हेतु रू0 19 करोड़ 27 लाख 82 हजार की धनराशि का आवंटन उ0प्र0 शासन द्वारा किया गया है। इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश उ0प्र0 शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।

इन 46 चालू कार्यों में जनपद बलिया, मथुरा, बहराईच, पीलीभीत, लखनऊ, गोरखपुर, गोण्डा, शाहजहांपुर, गाजीपुर, सिद्दार्थनगर, सुल्तानपुर तथा झांसी के कार्य शामिल हैं। जारी शासनादेश में निर्देशित किया गया है कि आवंटित धनराशि का उपयोग अंकित परियोजनाओं पर ही मानक/विशिष्टियों के अनुरूप व्यय की जायेगी।

उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये हैं कि इन कार्यों में वित्तीय नियमों का अक्षरसः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा जारी शासनादेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाय।

प्रदेश की आर्थिक समृद्धि में विकास के पंख लगायेगा गंगा एक्सप्रेसवे

प्रदेश सरकार की नीति है कि प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए हाईवे, एक्सप्रेसवे बनाया जाना जरूरी है, जिससे विभिन्न वस्तुओं के आयात-निर्यात एवं यातायात के लिए अच्छे साधन बन सके। प्रदेश सरकार द्वारा बनाये गये पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तथा बन रहे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे जहां पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के रास्ते खोल रहे हैं, वहीं गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से प्रदेश के पश्चिमांचल से लेकर पूर्वांचल तक सीधी एक्सप्रेसवे होने से प्रदेशवासियों को शैक्षिक, प्राविधिक, तकनीकी, कृषि, औद्योगिक, व्यावसायिक, व्यापारिक, पर्यटन आदि  क्षेत्रों मंे लाभ होगा। प्रदेश सरकार द्वारा बनाये जा रहे गंगा एक्सप्रेसवे के बनने से कच्चा माल शीघ्रता से अपने गंतव्य तक पहुचेगा।

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गंगा एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियन्त्रित होने से वाहनों के ईधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत एवं पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव होगा। इस परियोजना के पूर्ण होने पर आच्छादित क्षेत्रों के निवासियों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास होगा। साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों एवं कुटीर उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल टेªनिंग इस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होगा। एक्सप्रेसवे खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भण्डारण गृह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में अबतक 82750 कृषकों से 94 प्रतिशत भूमि क्रय की जा चुकी है। गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जब भूमि क्रय की जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर पीक पर थी। प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेसवे, मेरठ, बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) पर जनपद मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होगा एवं प्रयागराज बाइपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुड़ापुर दॉदू ग्राम के समीप समाप्त होगा। यह एक्सप्रेसवे जनपद मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज से होकर जायेगा। यह एक्सप्रेसवे 06 लेन (08 लेन विस्तारणीय) की चौड़ाई में है, इसकी लम्बाई 594 किमी0 एवं राइट ऑफ वे 120 मी0 लिया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे पर प्रवेश एवं निकासी हेतु अतिरिक्त 17 स्थानों पर इण्टरचेंज द्वारा सुविधा प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। 

गंगा एक्सप्रेसवे के परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा हेतु स्टैगर्ड के रूप में सर्विस रोड का प्राविधान किया गया है। एक्सप्रेसवे निर्माण के अंतर्गत 07 आर0ओ0बी0, 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 381 अण्डरपासेज का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। गंगा एक्सप्रेसवे उपयोगकर्ताआंे की सुविधा हेतु 09 जनसुविधा परिसर बनाया जाना प्रस्तावित है। आपातकाल में वायु सेना के विमानों के लैण्डिंग/टेक ऑफ हेतु जनपद शाहजहांपुर में एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी विकसित किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू0 36230 करोड़ है। परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति में है, अबतक लगभग 94 प्रतिशत भूमि का क्रय/पुनर्ग्रहण किया जा चुका है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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