Maharashtra: शिंदे गुट के 22 MLAs और 9 MPs उद्धव के संपर्क में! महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल हुई तेज

eknath shinde
ANI
अंकित सिंह । May 30 2023 2:10PM

महाराष्ट्र के मंत्री और शिंदे गुट के नेता शंभूराज देसाई ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या विनायक राउत भविष्य देख सकते हैं? क्या वह फेस-रीडिंग जानते हैं? वह कुछ भी कहते हैं। वह जो कहते हैं उसका कोई तथ्य नहीं है।

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल लगातार बढ़ी हुई है। शिंदे गुट और उद्धव गुट के अपने अपने दावे हैं। इन सब के बीच उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने मंगलवार को दावा किया कि प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के 22 विधायक और नौ सांसद भाजपा के "सौतेले व्यवहार" के कारण घुटन महसूस कर रहे हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को छोड़ सकते हैं। इसकी लेकर शिंदे गुट की ओर से जवाब दिया जा रहा है। 

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शिंदे गुट का पलटवार

महाराष्ट्र के मंत्री और शिंदे गुट के नेता शंभूराज देसाई ने पलटवार करते हुए कहा कि क्या विनायक राउत भविष्य देख सकते हैं? क्या वह फेस-रीडिंग जानते हैं? वह कुछ भी कहते हैं। वह जो कहते हैं उसका कोई तथ्य नहीं है। हम सभी संतुष्ट हैं। सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हम अच्छा काम कर रहे हैं। विनायक राउत कहते रहते हैं इस तरह की बातें, हम उन पर ध्यान नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि विनायक राउत ने भी मेरे बारे में इसी तरह के बयान दिए हैं। एक दिन पहले मैंने उन्हें दो दिन का समय दिया था। मैंने अपने कानूनी सलाहकार से बात की है। अगर वह मेरे खिलाफ अपना बयान वापस नहीं लेते हैं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। 

फडणवीस का भी आया बयान

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ठाकरे का पूरा गुट असंतुष्ट है। जिस तरह का असंतोष है, वह कहीं और नहीं है।" 

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सामना में क्या लिखा गया

शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर द्वारा उनकी पार्टी के साथ ‘‘सौतेला व्यवहार किए जाने’’ संबंधी बयान दिए जाने के बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित लेख में शिंदे समूह के विधायकों एवं सांसदों को ‘‘भाजपा के पिंजरे में कैद मुर्गे- मुर्गियां’’ करार दिया और कहा कि इनके ‘‘गले पर कब छुरियां चल जाएं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।’’ पार्टी ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उस समय अविभाजित) ने इसी असहनीय ‘‘सौतेले व्यवहार’’ के कारण और अपनी सुरक्षा एवं आत्म सम्मान के लिए (2019 में) भाजपा के साथ संबंध तोड़ लिए थे।

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