महाराष्ट्र सरकार का ध्यान बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित: CM Shinde

CM Shinde
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार द्वारा परियोजनाओं के रास्ते में लगाई गईं रुकावटों को हटाने पर काम कर रही है। नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि बैठक में स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 के लिए लक्ष्यों पर चर्चा की गई।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि प्रगति के लिए कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार द्वारा परियोजनाओं के रास्ते में लगाई गईं रुकावटों को हटाने पर काम कर रही है। नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि बैठक में स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 के लिए लक्ष्यों पर चर्चा की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य ध्यान रोजगार, स्वरोजगार, महिला सशक्तीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर रहेगा। विकास तब तेज होता है जब राज्य और केंद्र सरकारें एक विचारधारा की होती हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने युद्धस्तर पर परियोजनाएं पूरी की हैं और परियोजनाओं की बारीकी से निगरानी की जा रही है।’’ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र के विकास संबंधी मुद्दों और सुझावों को लेकर प्रधानमंत्री का रुख सरकारात्मक रहा। शिंदे ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने वाले मुख्यमंत्रियों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे कदम से उनकी जनता और उनके राज्यों को भुगतना पड़ता है।

उन्होंने नए संसद भवन का रविवार को प्रधानमंत्री मोदी से उद्घाटन का विरोध करने के लिए विपक्ष की आलोचना की। शिंदे ने कहा, ‘‘संसद किसी दल की नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए नफरत वाले ऐसे दल साथ आ गए हैं। उन्हें प्रधानमंत्री के लिए अपने अहंकार और नफरत को दरकिनार कर उद्घाटन समारोह में भाग लेना चाहिए।’’ शिंदे ने कहा कि मोदी 2024 आम चुनाव में रिकॉर्ड मतों से तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाएंगे। इस बीच शिवसेना (उद्धव गुट) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि कुछ मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं, जिसका मतलब है कि केंद्र सरकार और नीति आयोग इन राज्यों से सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं।

राउत ने आरोप लगाया, ‘‘ वे वह खुश नहीं हैं... दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया। जो लोग चाटुकारिता का सहारा नहीं लेते उनकी मांगों को नीति आयोग पूरा नहीं करता। यह सबको पता है।’’ बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), भगवंत मान (पंजाब), ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), नीतीश कुमार (बिहार), एम के स्टालिन (तमिलनाडु), के चंद्रशेखर राव (तेलंगाना) और अशोक गहलोत (राजस्थान) शामिल नहीं हुए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़