युवक के बाल देख कर मात ना खाना, महिला नहीं है 15 वर्ष का बच्चा, जिसने बनाया World Record
सिदकदीप ने ये रिकॉर्ड एक झटके में ही हासिल नहीं किया है बल्कि वो तीन वर्ष की उम्र से ही अपने बालों को बढ़ा रहे है। अब उनके बालों की लंबाई 4 फीट, तीन इंच है यानी कुल 130 सेंटीमीटर, जिसके बाद रिकॉर्ड बुक में उनका नाम दर्ज हो सका है।
किसी भी तारिक का रिकॉर्ड बनाना अपने आप में बेहद खास होता है। एक और छोटा या बड़ा कैसा भी हो इसको हासिल करने की उपलब्धि बहुत खुशी देती है। ग्रेटर नोएडा की 15 वर्ष की शोर सिदकदीप सिंह चाहल ने भी एक ऐसे ही बेहतरीन उपलब्धि हासिल की है।
उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की है उसके बाद उनके परिवार और दोस्त उन गर्व कर रहे हैं। सिदकदीप ने सबसे लंबे बाल रखने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया है। सिदकदीप ने ये रिकॉर्ड एक झटके में ही हासिल नहीं किया है बल्कि वो तीन वर्ष की उम्र से ही अपने बालों को बढ़ा रहे है। अब उनके बालों की लंबाई 4 फीट, तीन इंच है यानी कुल 130 सेंटीमीटर, जिसके बाद रिकॉर्ड बुक में उनका नाम दर्ज हो सका है। बता दें कि सिदकदीप सिंह एक बेहद ही समर्पित युवक है, जिन्हें ये उपलब्धि हासिल करने में उनके परिवार से पूरा समर्थन मिला है।
#WATCH | Uttar Pradesh: 15-year-old Sidakdeep Singh Chahal from Greater Noida sets a Guinness World Record for longest hair on a living male teenager.
He says, "I follow Sikhism and we are forbidden from cutting our hair...I had to take a lot of care of the hair to get it to… pic.twitter.com/WpX2zsixeh
सिदकदीप सिंह ने बताया कि उनका सपना है कि बालों की लंबाई के जरिए ही उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होना चाहिए। उन्हें कुछ ऐसा हासिल करना है कि वो समाज में उल्लेखनीय व्यक्ति के तौर पर गिने जा सकें। सिदकदीप सिंह ने कहा कि बपन से ही वो लगातार बाल बढ़ा रहे है। इस दौरान उन्होंने अपने बालों को नहीं काटा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं सिख धर्म का पालन करता हूं और हमें अपने बाल काटने की मनाही है। मुझे बालों को इतनी लंबाई तक लाने के लिए उनकी बहुत देखभाल करनी पड़ी। ऐसा नहीं हो सकता था। यह मेरे परिवार के सहयोग के बिना संभव नहीं होता। मेरी माँ बचपन से ही मेरे बालों की देखभाल करती थी। बता दें कि सिदकदीप सिंह को इतने लंबे बालों को बनाए रखने के लिए बहुत समर्पण और कड़ी मेहनत करनी पड़ी। बालों की देखभाल के लिए उनकी दिनचर्या भी काफी अलग होती थी। इसमें नियमित रूप से अपने बालों को धोना, कंडीशनिंग करना, तेल लगाना और सुखाना शामिल था।
उन्होंने कहा कि वह अपने माता-पिता के प्रति समर्पण और उनके निरंतर प्रोत्साहन से प्रेरित थे, जिसने उन्हें कड़ी मेहनत करने और विश्व रिकॉर्ड हासिल करने के लिए प्रेरित किया। उनके माता-पिता ने कहा कि सिदकदीप हमेशा दूसरों से अलग होना और समाज में अपनी पहचान बनाना चाहते थे, जो उन्होंने आखिरकार किया।
वह अब कई युवा लड़कों के लिए प्रेरणा हैं जो जीवन में कुछ उल्लेखनीय हासिल करना चाहते हैं। उनकी उपलब्धि साबित करती है कि समर्पण, कड़ी मेहनत और परिवार के प्रोत्साहन से जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। सिदकदीप की कहानी निश्चित रूप से कई लोगों को अपने सपनों को आगे बढ़ाने और बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित करेगी।
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