मोदी सरकार के 100 दिन में लिए गए 11 बड़े सामाजिक फैसले

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अभिनय आकाश । Sep 6 2019 2:54PM

मोदी सरकार ने बच्चों और माताओं को संतुलित आहार और पोषण पर विशेष ध्यान दिया है। इसी के मद्देनजर सितंबर महीने को ‘पोषण माह’ के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने पोषण माह को महिलाओं और बच्चों का सेहतमंद भविष्य सुनिश्चित करने के लिए एक सराहनीय पहल बताया। उन्होंने सभी तबके के लोगों से इस असाधारण कदम का समर्थन करने का अनुरोध किया।

सफलता की तरह सुंदरता भी देखने वाले की निगाहों में होती है। राजनीति में 100 दिन का समय काफी लंबा समय नहीं होता है। मोदी सरकार को दोबारा मिले पांच साल के जनादेश के हिसाब से समय का यह टुकड़ा छोटा हो सकता है। इतने समय में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं और कई चुनौतियां बाकी हैं। नरेंद्र मोदी सरकार के 100 दिन पूरा होने पर मीडिया में विमर्श, संवाद और विवाद निरंतर है। सरकार स्वयं भी इन विमर्शों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही। इन 100 दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चाहने वालों के दिलों में, विपक्ष के निशाने पर और दुनिया के सभी बड़े देशों की नजरों में लगातार बने रहें। मोदी सरकार के लिए यह 100 दिन किसी उपलब्धि से कम नहीं क्योंकि उन्होंने हिंदुस्तानियों को भरोसा और आत्मविश्वास दिया है। राजनीति और सरकार की सक्रियता से भी कुछ बदल सकता है यह भरोसा दिलाया। जन अपेक्षाओं का भार बहुत ज्यादा होता है, जितनी अपेक्षा उतना दबाव और उतनी ही कठोर कसौटी। मोदी सरकार को भी उसी कसौटी पर परखा जा रहा है। 100 दिन के शासन पर नरेन्द्र मोदी के अभी तक के कार्यकाल के 11 बड़े सामाजिक फैसलों पर नज़र डालती एक विशेष रिपोर्ट।

तीन तलाक से दिलाई मुक्ति

तीन तलाक बोलकर कोई भी मुसलमान अब अपनी बीबी-बच्चों की जिम्मेदारी से बरी नहीं हो सकता है। लोकसभा में सशक्त मोदी सरकार ने अल्पमत में होने के बावजूद भी राज्यसभा से इस ऐतिहासिक बिल को पास करा दिया। सरकार के फ्लोर मैनेजमेंट की वजह से बिखरे हुए विपक्ष ने अपने हथियार डाल दिए। पीएम मोदी जानते थे कि ये रास्ता आसान नहीं है लेकिन उन्हें ये करना था और जरूर करना था। तीन तलाक बिल का विरोध करने वाली कांग्रेस समान सोच वाले दलों को भी अपने साथ जोड़ने में बुरी तरह से नाकाम साबित हुई। यहां तक कि बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव भी 100 के मुकाबले 84 वोटों से गिर गया। जिसके बाद नए कानून की नई रौशनी में तीन तलाक बोलकर अब जिम्मेदारियों से बरी हो जाने वालों की खैर नहीं होगी। तीन तलाक का गैर कानूनी हो जाना हिन्दुस्तान की नागरिक स्वतंत्रता के पक्ष में एक ऐसी मुनादी है जिसकी कल्पना संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर ने की थी। 

बाल यौन अपराध पर सख्ती 

बाल यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने पॉक्सो कानून में संशोधनों को मंजूरी दी और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध करने वालों को मृत्युदंड देने का प्रावधान शामिल किया। इसके अलावा चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों में भी सख्त कार्रवाई के साथ सजा के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इस विधेयक को इस साल के शुरू में दोनों सदनों में पेश किया गया था लेकिन इन्हें पारित नहीं किया गया था। विधेयक में विकल्प प्रदान करने के लिए अधिनियम की धारा 4,5,6 और 9 में संशोधन की मांग की गई थी। इस पर कैबिनेट ने मासूमों से दुष्कर्म और प्रयास को कड़ी सजा और मृत्युदंड की परिधि में लेकर आई। इससे बच्चों के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न पर सजा के वर्तमान प्रावधानों को कठोर कर दिया गया है। अब इस प्रस्ताव के पास होने के बाद 18 साल से कम उम्र के बच्चे वह चाहे किसी भी लिंग के हो यदि उनके विरुद्ध अपराध होता है तो मृत्युदंड का प्रावधान है। साथ ही अन्य मामलों में भी कड़ी सजा की सिफारिश की गई है। ताकि समाज के सामने कानून का डर बने और बच्चों के प्रति अपराधों में कमी आए। 

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अनमोल है आपकी जान, रैश ड्राइविंग पर कटेगा हजारों का चालान 

 

कहते हैं सजा का डर ही किसी शख्स को अपराध करने से रोकता है। यानी जब तक सजा सख्त ना हो, कोई अपराध करने से नहीं डरता। नए ट्रैफिक नियमों की सबसे बड़ी खासियत यही है कि वह बेहद सख्त हैं। मोटर व्हीकल एक्ट-2019 लागू हो चुका है और अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की खैर नहीं। मोदी सरकार ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर इतना भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है कि कोई भी शख्स रेड लाइट जंप करने से पहले भी सौ बार सोचेगा। एक स्टडी कहती है कि हमारे देश में 2017 में आतंकवाद के कारण मारे गए लोगों की संख्या 766 थी लेकिन भारत में हुए सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या करीब 1 लाख 48 हज़ार थी। 2017 में देश में करीब 4.64 लाख रोड एक्सीडेंट हुए थे। ये आंकड़े हमारी आंखें खोलने के लिए जरूरी हैं। साथ ही ये ये भी बता रहे हैं कि इस नए कानून की कितनी जरूरत थी।

प्लास्टिक बैग के खिलाफ मोदी की जंग, जल्द लगेगा प्रतिबंध

हम अपनी रोज़ाना की ज़िन्दगी में कुछ चीज़ों का हर काम में इस्तेमाल में करते हैं। जैसे कि पॉलीथीन या पॉलीबैग्स, यह जानते हुए भी कि यह प्लास्टिक बैग्स होते है और इनके इस्तेमाल से प्रकृति को काफी नुकसान पहुंचता है। मगर इस सब से बेखबर हम अपनी आदत से बाज नहीं आते। लेकिन अब केंद्र सरकार इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए इसे बंद करवाने का अभियान चलाने का मन बना चुकी है। इसी चीज़ के मद्देनज़र महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। भारते के 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने की बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने देश की जनता और खासतौर पर दुकानदारों-व्यापारियों से इस दिशा में योगदान देने की अपील की थी। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महिलाओं से अपील की कि वे खरीदारी के लिए प्लास्टिक के थैलों का इस्तेमाल करना बंद करें और इसके बजाए लंबे समय तक चलने वाले कपड़े के थैले प्रयोग करें क्योंकि यह थैला 10 साल चलेगा। 

साफ पेयजल उपलब्ध करवाने के लक्ष्य के तहत बना जल शक्ति मंत्रालय 

लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि जल संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए एकीकृत मंत्रालय का गठन किया जाएगा। इस वादे को पूरा करते हुए केंद्र सरकार ने जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों को मिलाकर 'जल शक्ति मंत्रालय' बनाया है। इसका कार्यभार गजेंद्र सिंह शेखावत को सौंपा गया जबकि रतन लाल कटारिया को राज्य मंत्री बनाया गया। जिसके बाद बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने नए मंत्रालय का भी जिक्र किया था। उन्होंने हर भारतीय को साफ पेयजल उपलब्ध कराने और जल संसाधनों के प्रबंधन के उद्देश्य से जल शक्ति मंत्रालय बनाने की बात करते हुए कहा कि यह पानी का प्रबंधन करेगा और हर घर नल- हर घर जल का लक्ष्य पूरा करने में मददगार होगा। जलशक्ति अभियान के लिए 256 जिलों के 1592 खंडों की पहचान की गई है। जहां जल स्तर नीचे है, उन जगहों की पहचान की जाएगी। सरकार ने देश में ऐसे एक हजार से ज्यादा स्थानों की पहचान की है, जहां जलस्तर नीचे चला गया है।

भ्रष्टाचार पर नियम 56 के तहत कड़ा प्रहार

क्या करप्शन खत्म नहीं हो सकता। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं, हो सकता है। बस थोड़ा-सा बदलाव लाना होगा। अपने पहले कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को लेकर अपने रुख को कुछ इस तरह जाहिर कर संकेत दे दिया था कि केंद्र में काबिज मोदी सरकार इसे लेकर जीरो टालरेंस की नीति पर है। मोदी सरकार 2 के गठन के बाद से ही सरकारी विभागों में सफाई का सिलसिला लगातार जारी है। दूसरे कार्यकाल के शुरूआती दौर में ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए पहले जून महीने में नियम 56 के तहत आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया गया। जिसके बाद केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के 22 वरिष्ठ अधिकारियों की छुट्टी कर दी है। बता दें कि पीएम मोदी ने सत्ता संभालते ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मंत्रालय को लेकर एक बैठक की थी। इसके बाद से ही ऐसे अधिकारियों की सूची बनाई जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है और परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है। जिसके बाद केंद्र ने नियम 56 के तहत इन सभी को रिटायर कर दिया।

कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ने में जुटी सरकार

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और दो भाग में विभाजित करने के बाद प्रधानमंत्री ने कश्मीर के लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया। पीएम मोदी ने कश्मीर के लोगों के लिए कहा कि जो लोग विकास की राह में अवरोध और नफरत फैलाना चाहते हैं उनके नापाक इरादे कामयाब होने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री की ओर से ऐसे किसी बयान की आवश्यकता इसलिए थी, क्योंकि एक तो इन दिनों कश्मीर चर्चा के केंद्र में है और दूसरे, केंद्र सरकार से यह अपेक्षा बढ़ गई है कि वह घाटी को पटरी पर लाने के लिए हरसंभव उपाय करे। पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार ऐसे संकेत दे रही है कि वह कश्मीर की जनता को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के साथ उसकी ओर से कश्मीर में व्याप्त अलगाववाद एवं आतंकवाद की कमर तोड़ने की भी प्रतिबद्धता जताई जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए जम्मू-कश्मीर के पंचों और सरपंचों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान भरोसा दिलाया कि राज्य के लोगों के लिए सरकारी सेवाओं में जल्द ही भर्तियां शुरू की जाएंगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना किसी सिफारिश के हर गांव से कम से कम 5 लोगों को नौकरी मिले। 

59 मिनट में होम, ऑटो लोन

एक अदद से बिजनेस शुरू करने के लिए बैंकों से लोन पाने के लिए हम कितना भटकते हैं? इसे देखते हुए मोदी सरकार ने 59 मिनट में लोन मंजूर कराने की योजना बनाई थी। वित्त मंत्री ने इन उद्यमियों के लिए सिंगल विंडो ऑनलाइन पोर्टल खोलने का ऐलान अपने पहले बजट पेश करने के दौरान किया। जिसके तहत महज 59 मिनट के अंदर 1 करोड़ रुपये तक का लोन दिए जाएंगे। psbloansin59minutes पोर्टल पर एमएसएमई को 1 करोड़ रुपए तक के लोन पर सैद्धांतिक मंजूरी एक घंटे से भी कम समय में दिया जाता है। 59 मिनट में लोन सुविधा से उपभोक्ताओं को कर्ज मिलने में सुविधा होगी और इससे खपत बढ़ने की उम्मीद है। बैंकों के मुताबिक 59 मिनट लोन योजना से लोन प्रोसेसिंग और समय में कमी आई है। ग्राहक अपने हिसाब से बैंक का चुनाव कर सकेंगे।

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छोटे कारोबारियों के लिए प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना की शुरुआत 

वर्ष 2019-20 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन पेंशन योजना के तहत देश के 3 करोड़ खुदरा कारोबारियों और व्यापारियों को शामिल करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि इसके तहत छोटे कारोबारियों को पेंशन दी जाएगी। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से पेंशन की गारंटी मिलती है। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के रिटायरमेंट की सेफ्टी और सामाजिक सुरक्षा के लिए है। इसमें ज्यादातर रिक्शा चालक, स्ट्रीट वेंडर, मिड-डे मील वर्कर, हेड लोडर, ईंट भट्ठा वर्कर, कॉबलर, रैग पिकर, घरेलू कामगार, वॉशर मैन, घर-घर काम करने वाले, खुद के अकाउंट वर्कर, एग्रीकल्चर वर्कर, कंस्ट्रक्शन वर्कर शामिल हैं। यदि आपकी उम्र 18 साल है और आप इस योजना के लिए आवेदन करते हैं तो आपके हर महीने 55 रुपए जमा करने होंगे। 40 साल की उम्र से यदि इस योजना को शुरु किया जाता है तो हर माह 200 रूपये जमा करना होंगे। जैसे ही आपकी उम्र 60 साल की हो जाएगी आपको पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

जनता को फिट रखने के लिए पीएम मोदी ने दिया फिटनेस का नमो मंत्र

देश की जनता को फिट रखने का बीड़ा अब सरकार ने उठाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल दिवस के अवसर पर फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की। इसके तहत स्कूल, कॉलेज, जिला, ब्लॉक हर स्तर पर इस मूवमेंट को मिशन की तरह चलाया जाएगा। नई दिल्ली में इसकी शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मंत्र भी दिए, जैसे लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल या बॉडी फिट-माइंड हिट हो। फिट इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्रालय आपसी तालमेल से काम करेंगे। इनमें खेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, पंचायती राज और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालय शामिल हैं। ये मंत्रालय अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।

पोषण अभियान से साकार होगा ‘कुपोषण मुक्त भारत’ का सपना

जिस प्रकार मजबूत इमारत के लिए नींव का ठोस होना जरूरी है, उसी प्रकार शक्तिशाली भारत के लिए पोषित बचपन भी जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात को अच्छी तरह समझते हैं। इसलिए मोदी सरकार ने बच्चों और माताओं को संतुलित आहार और पोषण पर विशेष ध्यान दिया है। इसी के मद्देनजर सितंबर महीने को ‘पोषण माह’ के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने पोषण माह को महिलाओं और बच्चों का सेहतमंद भविष्य सुनिश्चित करने के लिए एक सराहनीय पहल बताया। उन्होंने सभी तबके के लोगों से इस असाधारण कदम का समर्थन करने का अनुरोध किया। पीएम मोदी के पोषण अभियान में शामिल होने और इसे जन आंदलोन बनाने की अपील का बॉलीवुड ने भी स्वागत किया। मशहूर अभिनेता अनिल कपूर ने ट्वीट कर कहा कि इस पोषण अभियान में हम सभी को हिस्सा लेने की जरूरत है। वहीं अभिनेत्री रवीना टंडन ने भी जागरूकता फैलाने और कुपोषण के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार का समर्थन करने की बात कही।

 

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