नाबालिग से बलात्कार के जुर्म में व्यक्ति को 10 साल की कठोर कैद
बच्ची के जन्म लेने के बाद पीड़िता ने बंतवाल थाने में शिकायत दर्ज करायी जिसके बाद बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। अदालत ने पीड़िता, बच्चे और आरोपी के डीएनए परीक्षण का आदेश दिया जिससे यह साबित हो गया कि संतोष ही उस बच्चे का पिता है।
मेंगलुरु। मेंगलुरु की एक अदालत ने 34 वर्षीय एक व्यक्ति को नाबालिग लड़की के साथ 2014 में बलात्कार करने के जुर्म में 10 साल की कठोर कैद की सजा सुनायी है। विशेष पोक्सो अदालत की द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी आर पल्लवी ने अभियुक्त संतोष पर 10,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया। वह दक्षिण कन्नड़ जिले के बंतवाल का रहने वाला है। विशेष सरकारी वकील सी वेंकटरमन स्वामी ने बताया कि शादीशुदा संतोष ने बतौर कार ड्राइवर काम करते हुए 14 साल की एक लड़की से जान पहचान बनायी। वह जुलाई, 2014 में उसे समीप की एक पहाड़ी पर ले गया और वहां उससे बलात्कार किया।
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अभियोजन के अनुसार उसके बाद वह धमकी देकर हर सप्ताह उसे वहां ले जाता था और उससे बलात्कार करता था। लड़की गर्भवती हो गयी और उसने 28 जुलाई, 2015 को एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म लेने के बाद पीड़िता ने बंतवाल थाने में शिकायत दर्ज करायी जिसके बाद बलात्कार का मामला दर्ज किया गया। अदालत ने पीड़िता, बच्चे और आरोपी के डीएनए परीक्षण का आदेश दिया जिससे यह साबित हो गया कि संतोष ही उस बच्चे का पिता है।
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