China फिर कुछ बड़ा करने वाला है? अरुणाचल बॉर्डर से आई तस्वीर ने चौंकाया! केंद्रीय मंत्री का ये बयान आया
अरुणाचल प्रदेश के कपापू इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने घुसपैठ की है। ईंटानगर से सामने आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएलए अरुणाचल में भारतीय क्षेत्र में कम से कम 60 किलोमीटर अंदर तक घुस आया।
एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी तरफ चीन अपने दो पड़ोसी दुश्मनों से भारत हमेशा से परेशान रहा है। दोनों देशों को कई बार सबक सिखाने के बाद भी न तो इनकी अक्ल ठिकाने आई और न ही ये सुधरने का नाम लेते हैं। हिंद के जाबांजों से पिटा चीन फिर अपनी हदें लांघने की कोशिश कर रहा है? जिनपिंग की फौज क्या अरुणाचल में साजिश के बीज डाल रही है? एक तस्वीर के सामने आने के बाद ये तमाम सवाल उठ रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट मीडिया के चीनी फौज की एक घुसपैठ की खबर ने सभी को परेशान किया है। भारतीय सेना के हाथों पिट चुकी पीएलए की बॉर्डर वाली साजिश के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
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अरुणाचल प्रदेश के कपापू इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने घुसपैठ की है। ईंटानगर से सामने आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएलए अरुणाचल में भारतीय क्षेत्र में कम से कम 60 किलोमीटर अंदर तक घुस आया। घुसपैठ वाली जगह पर अलाव, स्प्रे पेंट की गई चट्टानें और चीनी खाने-पीने का सामान मिलने का दावा किया गया। साथ ही मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि पीएलए की ये घुसपैठ करीब एक सप्ताह पहले हुई थी। अरुणाचल प्रदेश की मीडिया की तरफ से जारी की गई तस्वीर में एक चट्टान पर स्पे पेंट से साल 2024 के साथ साथ कुछ चिन्ह भी बने नजर आ रहे हैं। हालांकि नार्थ ईस्ट मीडिया के इस दावे को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सिरे से खारिज कर दिया।
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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा घुसपैठ का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय मंत्री किरेन निवासी ने कहा कि अनिर्धारित स्थानों पर केवल निशान बनाने का मतलब यह नहीं है कि उन क्षेत्रों में अतिक्रमण किया गया है। अरुणाचल प्रदेश के निवासी रिजिजू ने यह भी कहा कि भारत-चीन सीमा पर अनिर्धारित क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिक गश्त के लिए कई बार एक ही जगह पर पहुंच जाते हैं, लेकिन यह ऐसी चीज नहीं है कि भारतीय क्षेत्र पर अतिक्रमण हो जाए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चीन हमारी जमीन नहीं ले सकता। अनिर्धारित क्षेत्रों में गश्त के लिए दोनों देशों के सैनिक कई बार एक ही जगह पहुंच जाते हैं। उन्हें कोई स्थायी निर्माण करने की अनुमति नहीं है। हमारी तरफ से कड़ी निगरानी है।
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