जानिए महाकुंभ 2025 के स्नान की प्रमुख तिथियां, नहाने पर मिलेगा विशेष पुण्य

महाकुंभ मेला 12 वर्षों के बाद 29 जनवरी 2025 को प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। हमेशा की तरह यह एक भव्य आयोजन होगा और इसमें दुनिया भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। यह एक असाधारण आयोजन है जो भारत और दुनिया भर से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।
अगला महाकुंभ मेला 12 वर्षों के बाद 29 जनवरी 2025 को प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। हमेशा की तरह यह एक भव्य आयोजन होगा और इसमें दुनिया भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। यह एक असाधारण आयोजन है जो भारत और दुनिया भर से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है और यह हिंदुओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा तीर्थ और धार्मिक जमावड़ा होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ मेला के दौरान पवित्र नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त होकर पापों से मुक्त हो जाता है।
यह भी मान्यता है कि गंगा में तीन डुबकी लगाने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल में किया जाता है। इससे पहले यह आयोजन वर्ष 2013 में हुआ था। इसे मेले का संबंध ज्योतिष और आस्था दोनों से माना जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, वृष राशि में बृहस्पति होने पर कुंभ मेले का आयोजन होता है। साल 2025 में बृहस्पति वृष राशि में होगा।
सूर्य और चन्द्रमा के मकर राशि में प्रवेश करने पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है। साल 2025 में यह संयोग बनेगा और तब 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक यह मेला लगेगा। 2025 में महाकुंभ का पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्राति के दिन होगा। दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या के दिन होगा। तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी बसंत पंचमी को होगा। इन 3 शाही स्नान के अलावा महाकुंभ कुछ और भी स्नान की तिथियां प्रमुख मानी जाती हैं। जिसमें 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान सबसे महत्वपूर्ण है।
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