सूर्य ग्रहण के बाद 15 दिनों में ही अक्टूबर में लगने जा रहा है चंद्र ग्रहण, जानें कब से मान्य होगा सूतक काल

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रितिका कमठान । Oct 17 2023 7:03PM

शरद पूर्णिमा पर यह चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है जिसके कारण पूर्णिमा के मौके पर होने वाली पूजा वह कई अन्य शुभ कार्यों में बाधा आएगी। चंद्र ग्रहण लगने के कारण इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर चांदनी में खीर रखना वर्जित होगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।

अक्टूबर के महीने में 14 तारीख को सूर्य ग्रहण लगा था। अमावस्या के दिन लगे सूर्य ग्रहण के बाद अब चंद्र ग्रहण भी जल्द ही लगने जा रहा है। अक्टूबर महीने के अंत में लगने जा रहे चंद्र ग्रहण का असर देश और दुनिया में देखने को मिलेगा। 

इस वर्ष 29 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण लग रहा है। इससे पहले 14 अक्टूबर को लगे सूर्य ग्रहण के 15 दिनों के अंतराल में ही चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है जिससे इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। अक्टूबर के महीने में ही यह दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है। बता देगी इससे पहले लगी सूर्य ग्रहण देश में नहीं दिखा था।तो।इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं था। वहीं अब चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने वाला है। इस दौरान चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा और सूतक काल भी मान्य रहेगा। चंद्र ग्रहण लगने के मौके पर मंदिर और पवित्र स्थल बंद रहेंगे। ज्योतिष आचार्य योगी मन तो चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के इतने नजदीक समय पर लगने के कारण देश और दुनिया पर काफी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। इन नकारात्मक प्रभावों का आंशिक तौर पर असर भारत पर भी पड़ सकता है।

बता दें कि साल का यह अंतिम चंद्र ग्रहण होने वाला है जो 29 अक्टूबर की रात 1:06 पर शुरू होगा और तड़के 2:22 पर समाप्त हो जाएगा। इस चंद्र ग्रहण की अवधि एक घंटा 16 मिनट की होने वाली है।

शरद पूर्णिमा पर यह चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है जिसके कारण पूर्णिमा के मौके पर होने वाली पूजा वह कई अन्य शुभ कार्यों में बाधा आएगी। चंद्र ग्रहण लगने के कारण इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर चांदनी में खीर रखना वर्जित होगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। चंद्र ग्रहण की समाप्त होने के बाद अगले दिन मंदिरों की साफ सफाई होगी उसके बाद ही मंदिरों के कपाट खुलेंगे। सूतक लगने के कारण मंदिर रुक का पाठ 28 अक्टूबर की शाम 7:00 बजे से ही बंद हो जाएंगे। गौतम भाई की ग्रहण लगने के बाद दान करना बेहद शुभ माना गया है। ग्रहण के बाद दान पुण्य करने से किसी भी तरह का अशोक प्रभाव खत्म हो जाता है।

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