White Lung Syndrome | चीन के बाद अमेरिका हुआ रहस्यमय निमोनिया का शिकार, जानें इसके लक्षण, बचाव के उपाय
चीन के बाद अब अमेरिका के ओहियो राज्य में बच्चों में निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका के अलावा डेनमार्क और नीदरलैंड्स में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। इस रहस्यमयी निमोनिया को व्हाइट लंग सिंड्रोम नाम दिया गया है। यह बीमारी ज्यादातर 3-8 साल के बच्चों को प्रभावित कर रही है।
चीन के बाद अब अमेरिका के ओहियो राज्य में बच्चों में निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका के अलावा डेनमार्क और नीदरलैंड्स में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। इस रहस्यमयी निमोनिया को व्हाइट लंग सिंड्रोम नाम दिया गया है। यह बीमारी ज्यादातर 3-8 साल के बच्चों को प्रभावित कर रही है। यह बीमारी क्यों हो रही है इसका कोई ठोस कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि, कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बीमारी का कारण माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है। इस संक्रमण के कारण फेफड़े प्रभावित होते हैं। हालाँकि, अब तक इसका और चीन में बच्चों में होने वाली सांस की बीमारी के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है। लेकिन बढ़ते मामलों को देखते हुए ये आने वाले खतरे का संकेत हो सकता है।
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व्हाइट लंग सिंड्रोम क्या है?
इस रहस्यमयी बीमारी का नाम व्हाइट लंग सिंड्रोम इसलिए रखा गया है क्योंकि इसकी चपेट में आने पर फेफड़ों में सफेद रंग के धब्बे दिखने लगते हैं। इस रोग के कारण फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण फेफड़ों और श्वसन तंत्र में समस्या हो सकती है। शुरुआत में यह हल्का होता है लेकिन बाद में गंभीर हो सकता है।
व्हाइट लंग सिंड्रोम के लक्षण
-खांसी और सर्दी
-नाक बहना या नाक बंद होना
-गला खराब होना
-बुखार
-थकावट
-ठंड महसूस हो रहा है
-सांस लेने में दिक्कत हो रही है
हालांकि इस बीमारी का कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन छींकने या खांसने के दौरान निकलने वाली बूंदों के जरिए यह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा यह गंदे हाथों से भी फैल सकता है।
इसे कैसे रोकें?
अच्छी स्वच्छता के माध्यम से अधिकांश श्वसन रोगों को रोका जा सकता है। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
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-खाना खाने या मुंह छूने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
-छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।
-इस्तेमाल किए गए टिश्यू को कूड़ेदान में ही डालें, खुले में इधर-उधर न फेंके।
-यदि आप बीमार हैं तो घर पर रहें और बाहर जाने से बचें।
-बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें।
-अगर बाहर पानी नहीं है तो सैनिटाइजर से हाथ साफ करें।
-बाहर खुले में रखी कोई भी चीज खाने-पीने से बचें।
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