स्टिंगर मिसाइल से क्यों खौफ में है रूसी सेना? इसमें ऐसा क्या है खास? भारत के खिलाफ भी हो चुका है इस्तेमाल
रूस के पास यूक्रेन से कई गुणा ज्यादा क्षमता वाले हथियार हैं लेकिन फिर भी बताया जा रहा है कि यूक्रेन इस युद्ध में स्टिंगर मिसाइ के बल पर टिका हुआ है। यूक्रेन की ओर से आई जानकारी में बताया गया है कि अभी तक रूस के 50 से ज्यादा एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर मार गिराए गए हैं।
हॉलीवुड एक्टर सिलवेस्टर स्टेलॉन की 1988 में आई सुपरहिट फिल्म 'रैंबो' जिसमें नायक जॉन रैंबों अफगानिस्तान-सोवियत जंग के बीच अपने दोस्त और कमांडर कर्नल सैम ट्रॉटमैन को बचाने के लिए अफगानिस्तान जाता है। ये सोवियत और अमेरिका के बीच चले रहे शीत युद्ध का दौर था। इसी फिल्म के एक सीन में मुाजहिद्दीन अपने कंधे पर मिसाइल से फायर करता है और वो रूसी हेलीकॉप्टर के चिथड़े उड़ा देती है। अमेरिका ने उस दौरान अपने दुश्मन सोवियत के खिलाफ लड़ रहे अफगान मुजाहिद्दीनों को हीरो करार दिया था। इसलिए जब फिल्म खत्म होती है तो स्क्रीन पर लिखा आता है- This film is dedicated to the brave mujahideen fighters of Afghanistan लेकिन फिल्म में जिस मिसाइल से रूसी हेलीकॉप्टर को उड़ाते हुए दिखाया गया वो दरअसल, इन दिनों यूक्रेन में भी रूसी सेना के आड़े आ गई। ये अमेरिका की स्टिंगर मिसाइल है जिसकी बानगी रूस के हमले के पहले ही दिन रूस के पांच फाइटर जेट और एक अटैक हेलीकॉप्टर को जमींदोज करते हुए दी। स्टिंगर मिसाइल ने ही अफगानिस्तान युद्ध के दौरान भी रूस की वायुसेना को काफी नुकसान पहुंचाया था।
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अफगान युद्ध में लौटना पड़ा था बैरंग
दुश्मन के हवाई हमले को नाकाम करने वाली स्टिंगर मिसाइल का इतिहास भी बेहद दिलचस्प है। बताया जाता है कि इससे पहले जब रूस जंग के मैदान में उतरा था तो इस मिसाइल ने उसकी आर्मी को परेशान कर दिया था। अफगान युद्ध के दौरान इस मिसाइल के इस्तेमाल से रूसी वायुसेना के परखच्चे उड़ गए थे। माना जाता है कि अमेरिका ने 1986 और 1988 तक चले अफगान युद्ध के दौरान वहां 1 हजार स्टिंगर मिसाइलों को रूस के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए भेजा था।
यूक्रेन ने स्टिंगर से रूसी सेना की हालत खराब
वैसे तो रूस के पास यूक्रेन से कई गुणा ज्यादा क्षमता वाले हथियार हैं लेकिन फिर भी बताया जा रहा है कि यूक्रेन इस युद्ध में स्टिंगर मिसाइ के बल पर टिका हुआ है। यूक्रेन की ओर से आई जानकारी में बताया गया है कि अभी तक रूस के 50 से ज्यादा एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर मार गिराए गए हैं। बताया जा रहा है कि इसमें यूक्रेन की स्टिंगर मिसाइल अहम रोल निभा रही है और इसकी खास मारक क्षमता की वजह से रूस की सेना का यूक्रेन जवाब दे पा रहा है।
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कितनी खतरनाक और कैसे काम करती है?
कंधे पर रखकर सतह से हवा में मार करने वाली अमेरिकी मिसाइल है, जिसे आसानी से एक से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। ये आधुनिक मिसाइल 4800 मीटर दूर तक हेलीकॉप्टर और जेट विमानों को मार गिराने में सक्षम है। स्टिंगर को एक छोटी इजेक्शन मोटर से लॉन्च किया जाता है। ये मिसाइल पांच फीट लंबी और 3.9 इंच चौड़ी होती है। मिसाइल का वजन 10 किलोग्राम और इसके लॉन्च ट्यूब का वजन 5.2 किलोग्राम होता है। ये इंफ्रारेड सरफेस टू एयर मिसाअल है जिससे आप हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट, टैंक या किसी भी तरह के बख्तरबंद वाहन को उड़ा सकते हैं। स्टिंगर मिसाइल के वैसे तो 13 वेरिएंट उपलब्द हैं, जिन्हें विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल में लाया जा सकता है। लेकिन मुख्य तौर पर केवल तीन ही वैरिएंट द स्टिंगर बेसिक, स्टिंगर पैसिव ऑप्टिकल सीकर टेक्नीक, रीप्रोग्रामेबल माइक्रोप्रोसेसर होते हैं। इनसे रात के अंधेरे में भी हमला किया जा सकता है। इसका आरएमपी वर्जन दुनिया में सबसे सटीक मैनपैड्स हथियार है। इसकी सफलता का दर 90 फीसदी से भी ज्यादा है।
कहां कहां हुआ इस्तेमाल
स्टिंगर मिसाइलों का उपयोग अफगानिस्तान युद्ध, इराक युद्ध, सीरिया युद्ध, खाड़ी युद्ध, श्रीलंका सिविल वॉर, फॉल्कलैंड्स वॉर, लीबियन युद्ध, यूगोस्लाव युद्ध, चेचन युद्ध और अब रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में इसका उपयोग हो रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस मिसाइल का इस्तेमाल भारत के खिलाफ भी किया जा चुका है। असल में पाकिस्तानी सेना ने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान स्टिंगर मिसाइल से भारतीय वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्टर को धराशायी कर दिया था।
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