रॉबर्ट क्लाइव की मूर्ति हटाने की उठी मांग, भारत को अंग्रेजों का गुलाम बनाने में था हाथ
ब्रिटेन में प्रदर्शनों के बीच अब रॉबर्ट क्लाइव की मूर्ति हटाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इसके लिए ऑनलाइन अभियान चलाए जा रहे हैं। इस अभियान में कुछ भारतीय भी शामिल हैं।
कौन है रॉबर्ट क्लाइव ?
रॉबर्ट क्लाइव वहीं शख्स है जिसने भारत में ब्रिटिश हुकूमत की नींव मजबूत करने का काम किया था। यह वहीं शख्स है जिसकी वजह से भारत 200 सालों तक गुलाम रहा। यह वहीं शख्त है जिसने बाद में खुद आत्महत्या कर ली थी। भारत में भी क्लाइव की मूर्तियां देखने को मिल जाएंगी। यह मूर्तियां म्युजियम से लेकर चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में हैं।
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जॉर्ज फ्लाइड की मौत के बाद से दुनियाभर में ब्लैक लाइव्स मैटर का नाम का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इसके तहत अबतक हर उस चीज का विरोध किया गया जो किसी भी तरह से नस्लवाद को बढ़ावा देती है और इसी कड़ी में अब लंदन और ब्रिटेन में शान से लगी हुई रॉबर्ट क्लाइव की मूर्तियां हटाने की मांग तेज हो गई। क्लाइव को यहां पर क्लाइव ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है।
रॉबर्ट क्लाइव वो शख्स था जो मानता था कि भारत को गुलाम देश होना चाहिए। इसी की वजह से अंग्रेजों ने भारत की दौलत को लूटा और ब्रिटेन ले जाते रहे। भले ही भारत में रॉबर्ट क्लाइव के खिलाफ कभी आवाज न उठी हो लेकिन अब उसी के देश में उसे नस्लवाद का प्रतीक माना जा रहा है।
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क्रूर और निर्दयी थी रॉबर्ट क्लाइव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रॉबर्ट क्लाइव को क्रूर और निर्दयी माना जाता रहा है। इतना ही नहीं उसे अफीम की लत थी और माना जाता है कि इसी की वजह से वह कभी भी होश में नहीं रहता था। इसीलिए कभी भी कोई भी फैसला करते समय वह उसके अच्छे और बुरे के बारे में नहीं सोचता था। यहां तक कि इतिहासकार रॉबर्ट क्लाइव को मनोरोगी बताते हैं।
रॉबर्ट क्लाइव की मूर्ति लंदन के श्रे्यूसबेरी में है। जिसे हटाने के लिए श्रॉपशायर काउंटी काउंसिल ने ऑनलाइन पिटीशन दाखिल की है। जिस पर पहले घंटे ही 1700 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए। इसमें कहा गया कि अंग्रेजों की हुकूमत के दौरान लाखों बेगुनाहों की हत्या हुई। ऐसे में ब्रिटिश राष्ट्रवाज का जश्न मनाने के लिए क्लाइव की मूर्ति लगाना गलत है।
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