चीन में जवानों के प्रशिक्षण के लिए पायलटों की भर्ती की कोशिशों से ब्रिटेन की सरकार चिंतित

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भर्ती प्रक्रिया ब्रिटेन के मौजूदा कानूनों का उल्लंघन नहीं करती, लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक इस तरह की ‘सुरक्षा चुनौतियों’ से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा।

ब्रिटेन की सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह चीन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए सेवारत और पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों की भर्ती की चीन की कोशिशों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। खबरों के अनुसार, ऐसा समझा जा रहा है कि ब्रिटेन के 30 पूर्व सैन्य पायलट चीन की सेना के सदस्यों को प्रशिक्षित करने गये हैं और इस तरह के भर्ती अभियानों के खिलाफ रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) तथा अन्य सशस्त्र बल के अधिकारियों को गोपनीय सूचना देकर सतर्क किया जा रहा है।

भर्ती प्रक्रिया ब्रिटेन के मौजूदा कानूनों का उल्लंघन नहीं करती, लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक इस तरह की ‘सुरक्षा चुनौतियों’ से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम चीन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों को प्रशिक्षित करने के लिए सेवारत और पूर्व ब्रिटिश सैन्य पायलटों की भर्ती की चीन की कोशिशों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सभी सेवारत और पूर्व अधिकारी पहले ही सरकारी गोपनीयता कानून के दायरे में आते हैं और हम रक्षा क्षेत्र में गोपनीयता अनुबंधों तथा खुलासा नहीं करने संबंधी समझौतों की समीक्षा कर रहे हैं, वहीं नया राष्ट्रीय सुरक्षा विधेयक मौजूदा समेत समकालिक चुनौतियों से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय उपलब्ध कराएगा।’’ सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हीप्पे ने ‘स्काई न्यूज’ से कहा कि चीन के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए ब्रिटिश पायलटों की भर्ती कई साल से रक्षा मंत्रालय के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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