ट्रंप और किम की बैठक में हो सकती हैं परमाणु निरस्त्रीकरण पर चर्चा
अमेरिकी और उत्तर कोरिया के नेताओं के मध्य हुई पहली मुलाकात के बाद परमाणु निरस्त्रीकरण से जुड़े अहम सवालों को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है और विश्लेषकों का कहना है कि अब हनोई बैठक में कुछ साफ तस्वीर उभरना जरूरी है।
हनोई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की इस सप्ताह वियतनाम की राजधानी हनोई में होने वाली मुलाकात से उम्मीद की जा रही है कि पिछली बार की तुलना में इस बार कुछ अधिक हासिल हो सकेगा। इन दोनों नेताओं के मध्य पहली शिखर वार्ता सिंगापुर में हुई थी पर इस वार्ता के बाद जारी घोषणापत्र में कई बातें अस्पष्ट थीं।
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अमेरिकी और उत्तर कोरिया के नेताओं के मध्य हुई पहली मुलाकात के बाद परमाणु निरस्त्रीकरण से जुड़े अहम सवालों को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है और विश्लेषकों का कहना है कि अब हनोई बैठक में कुछ साफ तस्वीर उभरना जरूरी है। जून में हुई इस बैठक में किम ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। लेकिन इस दिशा में कुछ खास हासिल नहीं किया गया। इस पर आलोचकों ने कहा कि नेताओं ने सुर्खियां बटोरने और छोटे अवधि वाले लाभ हासिल करने के अलावा कुछ नहीं किया।
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गौरतलब है कि ट्रंप-किम की बैठक हनोई में बुधवार और बृहस्पतिवार को प्रस्तावित है। दोनों नेताओं के बीच पहली शिखर बैठक गत जून में सिंगापुर में हुई थी जो उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण कार्यक्रम पर बिना किसी ठोस समझौते के समाप्त हुई थी। उत्तर कोरिया के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीफन बीगुन ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि प्योंगयांग और वाशिंगटन के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर कोई साझा समझौता नहीं है। अमेरिका ने बार-बार मांग की है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों को पूरी तरह से त्यागे और इसका सत्यापन भी हो। प्योंगयांग परमाणु निरस्त्रीकरण को अधिक व्यापक रूप से देखता है और वह इसे प्रतिबंधों की समाप्ति और अमेरिकी खतरों के रूप में आंकता है।
Chairman Kim realizes, perhaps better than anyone else, that without nuclear weapons, his country could fast become one of the great economic powers anywhere in the World. Because of its location and people (and him), it has more potential for rapid growth than any other nation!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) February 24, 2019
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