भारत दुनिया के लिए जो मायने रखता है, वह बताने का प्रयास किया: निवर्तमान महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल

Consul General Randhir Jaiswal
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जायसवाल ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने और उनकी टीम ने यह भी देखने की कोशिश की कि वाणिज्य दूतावास ‘‘आर्थिक कूटनीति’’ का केंद्र कैसे बन सकता है क्योंकि ‘‘यह हमारे समय की आवश्यकता है’’। जायसवाल ने कहा, ‘‘अगर भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनना है, तो यह हमारी बड़ी आकांक्षा और सपना है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम सभी को संसाधनों को एकत्रित करना होगा, हम सभी को और अधिक प्रयास करना होगा तथा भारत-अमेरिका संबंध बढ़ें और भारत आगे बढ़े, इस दिशा में भी अत्यधिक प्रयास करना होगा।’’ उन्होंने जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजकीय यात्रा और व्हाइट हाउस में आमंत्रित भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लगभग 8000 सदस्यों की उपस्थिति को याद किया।

अमेरिका के न्यूयॉर्क में, भारत के निवर्तमान महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल ने कहा कि उन्होंने ‘‘दुनिया को यह बताने का प्रयास किया है कि भारत आज दुनिया के लिए क्या मायने रखता है’’। भारतीय अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में जायसवाल के प्रयासों की सराहना की और उनके लिए विदाई समारोह का आयोजन किया। भारतीय समुदाय के कई संगठन जायसवाल के सम्मान में न्यूयॉर्क और आस पास विदाई समारोह आयोजित कर रहे हैं। जायसवाल जल्द ही दिल्ली के लिए रवाना होंगे और विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता की अपनी नयी भूमिका निभाएंगे। जायसवाल ने ‘लॉन्ग आईलैंड’ में समुदाय के सदस्यों हरीश ठक्कर और अजय पटेल द्वारा रविवार को आयोजित विदाई समारोह में कहा कि महावाणिज्य दूत के तौर पर उन्होंने दुनिया को यही बताने का प्रयास किया कि ‘‘भारत आज दुनिया के लिए क्या मायने रखता है।

यह ऐसा देश है जो प्रगति कर रहा है, जो चांद पर पहुंच गया है। यह देश उन प्रौद्योगिकियों का विकास कर रहा है जो 21वीं सदी के लिए दिशा निर्धारित करने वाली हैं। यह ऐसा देश है जो महात्मा गांधी के दिखाए शांति, अहिंसा के मार्ग में विश्वास करता है और उसका अनुसरण करता है।’’ जायसवाल 1998 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे और अब तक वह पुर्तगाल, क्यूबा, दक्षिण अफ्रीका और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के स्थायी मिशन में सेवा दे चुके हैं। उन्होंने जुलाई 2020 में कोविड-19 महामारी के चरम पर रहने के दौरान न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत का कार्यभार संभाला और भारत जाने के इच्छुक और फंसे हुए पर्यटकों, छात्रों एवं समुदाय के सदस्यों को महामारी के कारण लागू पाबंदियों के बीच देश वापसी के प्रयासों की निगरानी की।

जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने वाणिज्य दूतावास के दरवाजे खोल दिए ताकि हम आपसे संपर्क कर सकें।’’ उन्होंने कहा कि वाणिज्य दूतावास और उनकी टीम ने कई कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से समुदाय और अमेरिकी समाज के साथ भारत की विविधता और उपलब्धियों का जश्न मनाने का प्रयास किया है। जायसवाल ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने और उनकी टीम ने यह भी देखने की कोशिश की कि वाणिज्य दूतावास ‘‘आर्थिक कूटनीति’’ का केंद्र कैसे बन सकता है क्योंकि ‘‘यह हमारे समय की आवश्यकता है’’। जायसवाल ने कहा, ‘‘अगर भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनना है, तो यह हमारी बड़ी आकांक्षा और सपना है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम सभी को संसाधनों को एकत्रित करना होगा, हम सभी को और अधिक प्रयास करना होगा तथा भारत-अमेरिका संबंध बढ़ें और भारत आगे बढ़े, इस दिशा में भी अत्यधिक प्रयास करना होगा।’’ उन्होंने जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजकीय यात्रा और व्हाइट हाउस में आमंत्रित भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लगभग 8000 सदस्यों की उपस्थिति को याद किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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