24 यूरोपीय देशों में जेलेंस्की के जवानों की ट्रेनिंग, इसलिए अब तक रूस के सामने टिका है यूक्रेन
24 यूरोपीय देशों में यूक्रेनी जवानों की ट्रेनिंग हो रही है। यूक्रेन फौज के लिए यूरोप ट्रेनिंग ग्राउंड बन चुका है। अलग-अलग देशों में यूक्रेन ने जवानों को बकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है।
रूस और यूक्रेन के बीच छेड़े जन को 1 बरस से भी ज्यादा बीत चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के बीच की यह लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। रूसी सेना के सामने जेलेंस्की झुकने को तैयार नहीं नजर आ रहे हैं तो वही इसको देखते हुए पुतिन भी रुकने को तैयार नहीं है। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि रूस जैसे शक्तिशाली मुल्क के सामने युक्रेन इतने दिनों तक आखिर कैसे टिका हुआ है। न केवल टिका हुआ बल्कि रूस को समय-समय पर करारा जवाब भी दे रहा है।
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24 यूरोपीय देशों में यूक्रेनी जवानों की ट्रेनिंग हो रही है। यूक्रेन फौज के लिए यूरोप ट्रेनिंग ग्राउंड बन चुका है। अलग-अलग देशों में यूक्रेन ने जवानों को बकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है। 16000 जवानों ने अब तक बाकायदा ट्रेनिंग ले ली है। 30000 जवानों की ट्रेनिंग का टारगेट है। यूक्रेनी जवानों को एंब्रोस टैंक की ट्रेनिंग अमेरिका की तरफ से दी जा रही है।
यूरोपीय यूनियन उठा रहा यह बड़े कदम
रूस को कैसे मात देनी है, इसके लिए क्या तैयारियां की गई है, इसे समझते हैं। रणनीति के लिए सदस्य देशों का यूक्रेन डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट ग्रुप है। 10 लाख आर्टिलरी ग्राउंड की रक्षा खरीद की जाएगी। 600 मिलीयन यूरो अब तक गोला बारूद और मिसाइल पर खर्च किए जा चुके हैं।
रूस ने दी धमकी
रूस ने ब्रिटेन को बर्बाद करने की धमकी दी है। रूसी जज पर ब्रिटेन के प्रतिबंध के बाद दिमित्री मेदवेदेव भड़क गए हैं। पुतिन विरोधी का कारा मुर्जा को जज ने जेल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाने वाले जज पर ब्रिटेन में प्रतिबंध लगा दिया है जिसके बाद मेदवेदेव ने साफ कहा है कि ब्रिटेन हमेशा से हमारा दुश्मन रहा है।
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