Taliban ने अफगानिस्तान के सभी एनजीओ को महिलाओं को नौकरी नहीं देने की चेतावनी दी

Taliban
प्रतिरूप फोटो
ANI

अफगानिस्तान में महिलाओं को रोजगार देने वाले सभी राष्ट्रीय और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को तालिबान बंद कर देगा। तालिबान ने दो साल पहले सभी एनजीओ को अफगान महिलाओं को रोजगार देने से मना किया था, जिसके बाद उसका यह कदम सामने आया है। उसका कहना है कि महिलाएं इस्लामी हिजाब सही तरीके से नहीं पहनती हैं।

काबुल । तालिबान ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में महिलाओं को रोजगार देने वाले सभी राष्ट्रीय और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को बंद कर देगा। तालिबान ने दो साल पहले सभी एनजीओ को अफगान महिलाओं को रोजगार देने से मना किया था, जिसके बाद उसका यह कदम सामने आया है। तालिबान ने यह कदम कथित तौर पर इसलिए उठाया है क्योंकि उसका कहना है कि महिलाएं इस्लामी हिजाब सही तरीके से नहीं पहनती हैं। वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी कि हालिया आदेश का पालन नहीं करने पर ऐसे एनजीओ को अफगानिस्तान में काम करने का लाइसेंस खोना पड़ेगा।

मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय एवं विदेशी संगठनों के पंजीकरण, समन्वय, नेतृत्व और उनकी सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जिम्मेदार है। पत्र के अनुसार, सरकार एक बार फिर तालिबान के नियंत्रण से बाहर के संस्थानों में महिलाओं के हर तरह के कामकाज को बंद करने का आदेश देती है। पत्र के अनुसार, ‘‘सहयोग नहीं मिलने की स्थिति में उस संस्था की सभी गतिविधियां रद्द कर दी जाएंगी और मंत्रालय द्वारा दिया गया संस्था का गतिविधि लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।’’ यह अफगानिस्तान में कार्यरत एनजीओ की गतिविधियों को नियंत्रित करने या उनमें हस्तक्षेप करने का तालिबान का नया प्रयास है।

इस महीने की शुरुआत में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया गया कि अधिक से अधिक संख्या में महिला अफगान मानवीय कार्यकर्ताओं को अपना काम करने से रोका जा रहा है, जबकि राहत कार्य अब भी आवश्यक है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी टॉम फ्लेचर के अनुसार, उन मानवीय संगठनों का अनुपात भी बढ़ गया है जिन्होंने बताया कि उनके महिला या पुरुष कर्मचारियों को तालिबान की लोकाचार पुलिस द्वारा रोका गया था। हालांकि, तालिबान ने इस बात से इनकार किया है कि वह सहायता एजेंसियों को अपना काम करने से रोक रहा है या उनकी गतिविधियों में हस्तक्षेप कर रहा है। तालिबान पहले ही कई नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी तथा अधिकतर सार्वजनिक स्थानों पर उनकी मौजूदगी को लेकर पाबंदी लगा चुका है।

तालिबान ने महिलाओं को छठी कक्षा से आगे की शिक्षा से भी वंचित कर दिया है। एक अन्य घटनाक्रम में, तालिबान नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने आदेश दिया है कि इमारतों में ऐसी खिड़कियां नहीं होनी चाहिए, जहां महिलाएं बैठ या खड़ी हो सकती हों। शनिवार देर शाम ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए चार-खंडीय आदेश के अनुसार, यह आदेश नयी इमारतों के साथ-साथ मौजूदा इमारतों पर भी लागू होगा। आदेश में कहा गया है कि नगर पालिकाओं और अन्य प्राधिकारियों को नए भवनों के निर्माण की निगरानी करनी चाहिए, ताकि आवासीय संपत्ति के अंदर या ऊपर से देखी जा सकने वाली खिड़कियां नहीं लगाई जाएं। हालांकि, अखुंदजादा के निर्देशों पर टिप्पणी के लिए शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के प्रवक्ता तत्काल उपलब्ध नहीं हो सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़