Taliban ने इस्लामाबाद के रास्ते भारत भेज दिया ये ट्रक, जानकर चीख पड़ा पाकिस्तान

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अभिनय आकाश । Jul 11 2024 3:58PM

कुन्नार के कुछ व्यपारियों ने बताया कि पहली बार इस प्रांत से भारत को प्याज निर्यात करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। प्याज की पहली खेप जिसकी कीमत 91 मिलियन अफगानी है, एक महीने से भी कम समय में भारत पहुंच जाएगी।

एक तरफ भारत का डंका पश्चिम से लेकर अमेरिका तक बज रहा। दूसरी तरफ पाकिस्तान को भारत ने बड़ी चोट दे दी है। वो भी अफगानिस्तान के माध्यम से। दरअसल, ऐसी खबर आ रही है कि भारत ने अफगानिस्तान से प्याज की डील की है, वो भी 8 हजार टन की। टोलो न्यूज ने इस खबर की पुष्टि की है। जिसके मुताबिक अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार प्याज की एक बड़ी खेप भारत भेज रही है। ये खेप पाकिस्तान के रास्ता से भारत आ रही है। कुन्नार के कुछ व्यपारियों ने बताया कि पहली बार इस प्रांत से भारत को प्याज निर्यात करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। प्याज की पहली खेप जिसकी कीमत 91 मिलियन अफगानी है, एक महीने से भी कम समय में भारत पहुंच जाएगी। 

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भारत में प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने अफगानिस्तान से आठ हजार टन प्याज आयात किया है, जो पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचेगा। बस इसी खबर पर पाकिस्तान के आंसू निकल आए हैं। पाकिस्तान में अफगानी प्याज चर्चा का विषय बन गया है। भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार का रास्ता खुला है। भारत ने बढ़ते प्याज की कीमतों को देखते हुए अफगानिस्तान से प्याज आयात किया है। दोनों देशों के बीच बढ़ते कारोबार से पाकिस्तान में मायूसी छाई है। भारत और पाकिस्तान के बीच बीते कुछ वर्षों से कारोबार बंद है और इसकी वजह खुद पाकिस्तान ही है। 

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कुन्नार का प्याज पाकिस्तान-अफगानिस्तान तोरखाम बॉर्डर से आएगा और फिर भारत वाघा बार्डर के रास्ते पहुंचेगा। अब इस व्यापारिक रिश्ते से पाकिस्तान क्यों परेशान है ये भी आपको बता देते हैं। भारत से व्यापार रोक कर पाकिस्तान दूसरे देशों से सामान आयात करता है। जिससे ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ता है और पाकिस्तान को वही सामान पाकिस्तान को भारत के मुकाबले दोगुनी कीमत पर मिलता है। पाकिस्तान का दुख ये है कि अगर हुक्मरान भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते बहाल करे तो देश की तस्वीर और तकदीर बदल सकती है। पाकिस्तान का बुद्धिजीवि वर्ग भारत के साथ भले ही रिश्तों की अहमियत समझता हो। 

पाकिस्तान की राजनीति भारत के साथ नफरत पर टिकी है। इसलिए हुक्मरान कभी नहीं समझेंगे। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान के रिश्ते अफगानिस्तान से खराब ही हुए हैं। पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थियों को देश से निकाल दिया है। जिसके बाद तालिबान के साथ उसके रिश्ते ज्यादा खराब हुए हैं। दूसरी तरफ भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते नए दौर में पहुंच रहे हैं। जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। 

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