Taiwan के पूर्व राष्ट्रपति China की यात्रा पर रवाना
पूर्व राष्ट्रपति निजी क्षमता से चीन की यात्रा पर गए हैं। वह आदान प्रदान कार्यक्रम के लिए अपने साथ शिक्षाविदों और कॉलेज विद्यार्थियों को लेकर गए हैं। इसी के साथ उनके परिवार के सदस्य भी यात्रा में उनके साथ हैं। इस यात्रा के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग-जोउ सोमवार को 12 दिन की चीन यात्रा पर रवाना हुए। इससे एक दिन पहले ही ताइवान ने अपने 14 राजनयिक साझेदारों में से एक और को चीन के हाथों गंवा दिया। पूर्व राष्ट्रपति निजी क्षमता से चीन की यात्रा पर गए हैं। वह आदान प्रदान कार्यक्रम के लिए अपने साथ शिक्षाविदों और कॉलेज विद्यार्थियों को लेकर गए हैं। इसी के साथ उनके परिवार के सदस्य भी यात्रा में उनके साथ हैं। इस यात्रा के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
जोउ की नीतियां ताइवान और चीन को करीब लेकर आई थी, लेकिन उनके पद से हटने के बाद मुख्य भूमि (चीन) के साथ व्यापार समझौते के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हुए और उनके उत्तराधिकारी द्वीप की स्वायत्तता की रक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। चीन का दावा है कि ताइवान उसका हिस्सा है। जोउ की यात्रा चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव के मध्य हो रही है। बीजिंग ताइवान पर दबाव बनाता है और उसके राजयनिक सहयोगियों को उससे दूर करता है और करीब-करीब रोज़ ही लड़ाकू विमान द्वीप की ओर भेजता है।
रविवार को मध्य अमेरिकी देश होन्डुरस ने ताइवान का साथ छोड़कर चीन के साथ राजनयिक रिश्ते स्थापित किए और अब सिर्फ 13 देश रह गए हैं जो ताइवान को संप्रभु राष्ट्र के तौर पर मान्यता देते हैं। विपक्षी नेशनलिस्ट पार्टी के सदस्य जोउ शंघाई पहुंचेंगे और फिर नज़दीकी नानजिंग से अपनी यात्रा शुरू करेंगे। माना जा रहा है कि वह 27 मार्च से सात अप्रैल तक यात्रा पर हैं। इस दौरान वह वुहान और चांगशा समेत अन्य शहरों का दौरा करेंगे। वह बीजिंग नहीं जाएंगे। जोउ ने सोमवार दोपहर चीन रवाना होने से पहले कहा कि उन्हें उम्मीद है कि युवाओं के जोश और उनकी आपस में बातचीत रिश्तों में सुधार कर पाएगी और तेज़ी से शांति लाएगी। उन्होंने कहा कि वह पहली बार चीन की यात्रा पर जा रहे हैं।
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