ताइवान के उपराष्ट्रपति ने दी शिंजो आबे को श्रद्धांजलि, बौखलाए चीन ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा- जरूरत पड़ी तो बल के जोर पर ताइवान को अपने साथ जोड़ेंगे
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जापान में उसके दूतावास ने वहां की सरकार के साथ ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई के पूर्व जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के बारे में अपना विरोध दर्ज करवाया है।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को अंतिम विदाई देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ताइवान के उप राष्ट्रपति की मौजूदगी को लेकर चीन ने आधिकारिक रूप से अपना विरोध दर्ज करवाया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जापान में उसके दूतावास ने वहां की सरकार के साथ ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई के पूर्व जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के बारे में अपना विरोध दर्ज करवाया है। बता दें कि ताइवान के उप राष्ट्रपति ला चिंग-ते ने आबे के तोक्यो स्थित आवास पर उन्हें सोमवार को श्रद्धांजलि दी थी। आबे, ताइवान के एक बड़े समर्थक थे।
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ताइवान के इस कदम से चीन बुरी तरह बौखला गया है। ताइवान के स्वतंत्र रूप से राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर चीन ने आपत्ति दर्ज करने के साथ ही दावा किया कि कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बल के जोर पर ताइवान को फिर अपने साथ जोड़ेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि ताइवान के अधिकारियों ने राजनीतिक उद्देश्य से इस अवसर का फायदा उठाने की कोशिश की और चीन ने जापान के समक्ष इसकी कड़ी शिकायत दर्ज कराई है। वांग ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह एक राजनीतिक योजना है, जो कभी सफल नहीं हो सकती।
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बता दें किआबे, ताइवान के एक बड़े समर्थक थे। दूसरी तरफ चीन अब तक ताइवान को अपना क्षेत्र बताते हुए उस पर दावा करता है। चीन, ताइवान को अपना क्षेत्र बताते हुए उस पर दावा करता है। वह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी ताइवान की सरकार को मान्यता देने से इनकार करता है। ताइवान और चीन 1949 के गृह युद्ध में अलग हो गए थे।
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