अधिक बच्चों का होना क्या देशहित में है योगदान? जनसंख्या में चीन को पछाड़ने पर संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता पर मजबूत हो सकता है भारत का दावा
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। जिसके अनुसार बढ़ती जनसंख्या से भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का दावा मजबूत हो सकता है।
जनसंख्या को लेकर अक्सर कहा जाता है कि यह दो धारी तलवार है और बढ़ती हुई जनसंख्या दुनिया का सबसे बड़ा विरोधाभास है। जनसंख्या बढ़ने का अर्थ यह है कि एक इंसान ने मृत्यु को हराने की कोशिश की है लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि दुनिया के करीब 200 करोड़ लोगों को पर्याप्त भोजन नहीं मिलता। जनसंख्या को लेकर बहस भी देश में इस वक्त छिड़ी हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने भी जनसांख्यिकी असंतुलन का जिक्र कर इस बहस को और तेज कर दिया है। लेकिन इन सब के बीच संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। जिसके अनुसार बढ़ती जनसंख्या से भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का दावा मजबूत हो सकता है।
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भारत अगले साल तक पॉपुलेशन के मामले में चीन को पछाड़ सकता है
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रखंड के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। ‘विश्व जनसंख्या संभावना 2022’ रिपोर्ट जारी की है। 11 जुलाई को जुलाई को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में चीन की जनसंख्या 1.426 अरब है, जबकि भारत की पॉपुलेशन 1.412 अरब है। इस लिहाज से भारत अगले साल तक पॉपुलेशन के मामले में चीन को पछाड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र के सामाजिक व आर्थिक मामलों के विभाग के जनसंख्या प्रखंड द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्विक जनसंख्या 15 नवंबर, 2022 को आठ अरब तक पहुंचने का अनुमान है। वैश्विक जनसंख्या 1950 के बाद से सबसे धीमी गति से बढ़ रही है। वर्ष 2020 में यह घटकर एक प्रतिशत से भी कम रह गई।
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स्थायी सदस्यता का दावा हो सकता है मजबूत
संयुक्त राष्ट्र के सामाजिक व आर्थिक मामलों के विभाग (डीईएसए) के जनसंख्या प्रखंड के निदेशक जॉन विल्मोथ ने सोमवार को कहा कि सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के रूप में उभरने से भारत का ‘‘कुछ चीजों पर दावा’’ हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि भारत सबसे बड़ा (आबादी के लिहाज से) देश बन जाता है, तो वे सोच सकते हैं कि इससे इसका हिस्सा होने संबंधी उनका दावा मजबूत हो जाता है.... वे दावा करते रहे हैं कि उन्हें वैसे भी उस समूह (सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य) का हिस्सा होना चाहिए। लेकिन, आप जानते हैं, इससे उनके दावे को निश्चित रूप से मजबूती मिल सकती है।’’
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