इराक में श्रीलंका जैसा हाल, संसद से राष्ट्रपति भवन तक प्रदर्शन, देशव्यापी कर्फ्यू
इराक की राजधानी बगदाद से जो तस्वीरें सामने आई उसमें हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी दीवारें फांद कर संसद के अंदर दाखिल होते दिखाई दिए। एक अन्य तस्वीर में विरोध कर रहे लोग संसद में अंदर हंगामा करते नजर आए। खबर है कि जिस इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कब्जा जमाया है वहां न केवल संसद है बल्कि तमाम देशों के दूतावास भी हैं।
इराक में इरान समर्थक मोहम्मद अल सुदानी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध अचानक हिंसकहो गया। श्रीलंका की तरह वहां भी विरोध जताने के लिए हजारों प्रदर्शनकारी संसद में दाखिल हो गए। जिसकी वजह से हालात बेकाबू हो गए। इराक की राजधानी बगदाद से जो तस्वीरें सामने आई उसमें हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी दीवारें फांद कर संसद के अंदर दाखिल होते दिखाई दिए। एक अन्य तस्वीर में विरोध कर रहे लोग संसद में अंदर हंगामा करते नजर आए। खबर है कि जिस इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कब्जा जमाया है वहां न केवल संसद है बल्कि तमाम देशों के दूतावास भी हैं।
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इराक के प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर द्वारा राजनीति से हटने की घोषणा के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बगदाद में इराकी संसद पर धावा बोल दिया। नाराज अनुयायियों ने महल के फाटकों की ओर जाने वाले अवरोधों को गिराने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल किया और सुरक्षा बलों से भिड़ गए। इस दौरान अल-सद्र के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें कम से कम 15 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। इराक की सेना ने बढ़ते तनाव को शांत करने के उद्देश्य से शहर भर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी। इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने कैबिनेट का सत्र निलंबित कर दिया।
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बता दें कि इराक में 10 अक्टूबर को आम चुनाव हुए है, जिसे 2003 में सद्दाम हुसैन के अमेरिका द्वारा अपदस्थ करने के बाद का पांचवां संसदीय चुनाव कहा गया। अक्टूबर 2021 में हुए चुनाव में अल-सदर के गुट ने 73 सीटें जीती थीं। अल-सदर चुनाव में 329 सीटों वाली संसद में सबसे बड़ा गुट बन गया था, लेकिन वोटिंग के बाद से नई सरकार के गठन की बातचीत रुक गई है। अल-सद्र ने बातचीत की प्रक्रिया से खुद को बाहर कर लिया। नई सरकार के गठन को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
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