Pakistan का दम निकलने वाले स्पाइस बम, अब इजरायल गाजा में कर रहा इस्तेमाल? पाताल में छुपे दुश्मनों को भी मार गिराते हैं

Spice bombs
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Dec 11 2023 1:21PM

स्पाइस बम ऐसी टेक्नोलॉजी पर आधारित है जिसके चुकाने का कोई चांस नहीं होता है। यह स्पाइस बम अपने टारगेट पर अचूक वार करते हैं। स्पाइस का पूरा नाम स्मार्ट प्रेसाईज इंपैक्ट कॉस्ट इफेक्टिव यानी सटीक प्रभाव वाला और लागत में भी प्रभावित। इजरायली कंपनी राफेल बम बनती है।

26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के विमान ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था। इस दौरान चार बम फायर हुए थे। चारों के चारों ने अपने टारगेट को हिट करते हुए टेररिस्ट के कैंप को दबा कर दिया था। अब स्पाइस बम एक बार फिर से खबरों में है। गाजा पर इजरायली वायुसेना की बमबारी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सोशल मीडिया पर कथित तौर पर वीडियो सामने आए हैं जिसमें दिखाया गया है कि इज़राइल घनी आबादी वाले इलाकों में स्मार्ट, सटीक प्रभाव, लागत प्रभावी (स्पाइस) बम गिरा रहा है। नवंबर में द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि अमेरिका इज़राइल को 320 मिलियन डॉलर मूल्य के सटीक बम देने की योजना बना रहा था। यह घटनाक्रम तब हुआ है जब इजरायली सैनिक दक्षिणी गाजा में बढ़ते हमले के तहत हमास के साथ भीषण लड़ाई लड़ रहे हैं। हजारों विस्थापित फिलिस्तीनी नागरिकों को इजरायली बमबारी से बचने के लिए मिस्र की सीमा के करीब एक शहर में रहने के लिए मजबूर किया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ये स्पाइस बम क्या हैं? इसको लेकर ताजा विवाद क्या है? 

इसे भी पढ़ें: IAF Aircraft Crashes in Telangana | तेलंगाना में भारतीय वायु सेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त, दो पायलट की मौके पर ही मौत | Video

स्पाइस बम क्या है

स्पाइस बम ऐसी टेक्नोलॉजी पर आधारित है जिसके चुकाने का कोई चांस नहीं होता है। यह स्पाइस बम अपने टारगेट पर अचूक वार करते हैं। स्पाइस का पूरा नाम स्मार्ट प्रेसाईज इंपैक्ट कॉस्ट इफेक्टिव यानी सटीक प्रभाव वाला और लागत में भी प्रभावित। इजरायली कंपनी राफेल बम बनती है। यह 2003 से इस्तेमाल हो रहा है। यह गाइडेड बम है जिसमें एक साथ 100 टारगेट फिक्स हो जाते हैं। जिस तरह से स्पाइस बम काम करते हैं यह लक्ष्य को भेदते हुए जाते हैं और विस्फोट करते हैं। इसका असर अंदर तक छुपे या बंकर में बैठे आतंकियों तक होता है।

स्पाइस बम तीन आकारों में आते हैं

250

1000

2000

कैसे काम करते हैं?

स्पाइस बम में दो टुकड़े होते हैं - पहला, एक कैमरा, जो बिना निर्देशित बम के सिर से जुड़ा होता है और दूसरा, एक पंख, इसके सिरे पर लगा होता है। मिशन से पहले, जीपीएस निर्देशांक और उपग्रह छवियों सहित लक्ष्य के बारे में सारी जानकारी स्पाइस बम की मेमोरी चिप में फीड की जाती है। फिर टुकड़ों को बिना निर्देशित बमों पर रखा जाता है। फिर विमान बम गिराते हैं, यह एक पूर्व-व्यवस्थित स्थान है। अब, स्पाइस बम लक्ष्य तक खुद को निर्देशित करने के लिए चिप में मौजूद डेटा का उपयोग करता है - जिसे कैमरे से ली गई छवियों के साथ जोड़ा जाता है।

इसे भी पढ़ें: Pakistani Cricketer Asad Shafiq ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से लिया संन्यास, अब इस रोल में करेंगे नई पारी की शुरुआत

क्या है विवाद?

यूरेशियन टाइम्स के अनुसार, यदि किसी इमारत पर स्पाइस 2000 बम गिराया जाता है तो इससे बड़े पैमाने पर विनाश होने की संभावना है और कोई भी जीवित नहीं बचेगा। विशेषज्ञों ने गाजा में व्यापक क्षति को लेकर चिंता व्यक्त की है।  गारलास्को ने कहा कि जब आप गाजा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र के बारे में बात कर रहे हैं, तो संपार्श्विक प्रभावों, विशेष रूप से व्यापक संपार्श्विक प्रभावों के बारे में कुछ चिंताएं होंगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़