सीतारमण-मैटिस की बैठक, रक्षा और सुरक्षा संबंध आगे बढ़ाने पर सहमत
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से मुलाकात की और इस दौरान भारत और अमेरिका रक्षा तथा सुरक्षा संबंध तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं।
वाशिंगटन। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से मुलाकात की और इस दौरान भारत और अमेरिका रक्षा तथा सुरक्षा संबंध तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। मुलाकात में मैटिस ने भारत को पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र तथा विश्व भर में ‘‘स्थाइत्व प्रदान करने वाली ताकत’’ बताया। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने अपनी भारतीय समकक्ष के साथ पेंटागन में चौथे दौर की बैठक में सीतारमण का स्वागत किया। भारतीय रक्षा मंत्री अमेरिका की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। यहां से वह कैलिफोर्निया में रक्षा मंत्रालय के डिफेंस इनोवेशन यूनिट तथा हवाई में हिंद प्रशांत कमान मुख्यालय जाएंगी।
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मैटिस ने सोमवार को सीतारमण का पेंटागन में दोनों नेताओं के लिए हुई प्रतिनिधि स्तर की बैठक में स्वागत करते हुए कहा, ‘‘अमेरिका और भारत ने प्रधानमंत्री(नरेन्द्र मोदी) के शब्दों में, अतीत से चली आ रही हिचकिचाहटों को दूर किया, दोनों देशों ने मित्रता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए यह स्पष्ट किया कि सामरिक स्वायत्तता और सामरिक साझेदारी के बीच, कहीं कोई विरोधाभास नहीं है।’’ सीतारमण ने अपनी आधिकारिक यात्रा की शुरूआत विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय से की, जहां उन्होंने दिवंगत राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश के लिए शोक पुस्तिका में शोक संदेश लिखा। इसके बाद वह आर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री गईं जहां उन्होंने अज्ञात सैनिकों की कब्र पर पुष्पचक्र समर्पित किया।
@DefenceMinIndia thanks @DeptofDefense & conveys that India feels encouraged "by the strategic importance attached to the India-U.S. defense relationship in the new U.S. National Security Strategy" pic.twitter.com/8Yh3lVNpG1
— Defence Spokesperson (@SpokespersonMoD) December 4, 2018
मैटिस ने कहा, ‘‘आर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री में आज सुबह अपने देश की ओर से सम्मान व्यक्त करने के लिए हमारे मंत्रालय और हमारे सभी सेनाकर्मियों की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूं।’’उन्होंने कहा कि सीतारमण की ओर से पुष्पांजलि अर्पित करना यह दिखाता है कि अमेरिका-भारत सैन्य संबंध केवल शब्दों से ही परिभाषित नहीं हैं बल्कि दोनों देशों के बलिदान तथा शांति, मित्रता और स्वतंत्रता को लेकर उनकी साझेदारी के मानवीय पहलू पर आधारित हैं। मैटिस ने कहा कि विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों ने अपने बीच भिन्न संस्कृति तथा भिन्न इतिहास होने के बावजूद नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए सिद्धांतों, मूल्यों और सम्मान को साझा किया है।
Thank you Secretary Mattis for the memorable dinner. Your interest & love for India was so beautifully reflected in all the finer details-the peacock & eagle place-cards with a feather, the fragrant flowers & the chosen menu. Grateful. @IndianEmbassyUS @USAmbIndia @PIB_India pic.twitter.com/5LOVKn7d0u
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) December 4, 2018
A docent led tour of the Freer-Sackler Galleries of South Asian Art. Thank you Defence Secretary Mattis for thoughtfully arranging for the visit and accompanying me all through. Immensely value your time and interest. @IndianEmbassyUS @USAmbIndia @PIB_India @PIBHindi pic.twitter.com/p9Zyfd3jmz
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) December 4, 2018
मैटिस ने कहा, अमेरिका-भारत संबंध विश्व के प्राचीनतम और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच स्वाभाविक साझेदारी है।’’ सीतारमण की यह वाशिंगटन डीसी की पहली यात्रा है लेकिन एक साल में दोनों नेताओं की यह चौथी मुलाकात हैं जो भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दिखाती है। उन्होंने कहा ‘‘सितंबर में आपके देश की मेजबानी में नयी दिल्ली में टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता होने के बाद खास तौर पर अमेरिका भारत रक्षा सहयोग में हमने सार्थक प्रगति की है।’’
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मैटिस ने कहा ‘‘क्षेत्र में और पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा को आगे बढ़ाने में और इसके लिए एक स्थिरताकारक ताकत के तौर पर भारत के नेतृत्व की अमेरिका सराहना करता है।’’उन्होंने कहा कि सितंबर में संपन्न टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता ने, अपनी रक्षा भागीदारी को और आगे ले जाने की भारत और अमेरिका की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट कर दिया। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘आज हम सितंबर में हुए कम्यूनिकेशन्स कम्पैटिबिलिटी एडं सिक्योरिटी एग्रीमेंट (सीओएमसीएएसए) समझौते को लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं।’’
वार्ता के दौरान दोनों देशों ने सीओएमसीएएसए पर हस्ताक्षर किए थे जो भारत को आधुनिक सैन्य हार्डवेयर प्राप्त करने की अनुमति देता है। सीतारमण ने टू प्लस टू बैठक को ऐतिहासिक घटनाक्रम बताते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक विचारविमर्श का आधार तैयार हुआ। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में सितंबर में संपन्न और अक्टूबर में सिंगापुर में संपन्न टू प्लस टू द्विपक्षीय बैठकें सकारात्मक और सार्थक रहीं। मैटिस के साथ बैठक की शुरूआत में सीतारमण ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास तथा रक्षा साझेदारी में भरोसा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नई अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को जो महत्व दिया गया है उससे वह उत्साहित हैं। सीतारमण ने कहा, ‘‘भारत अमेरिका रक्षा संबंधों की मजबूत नींव वर्षों में पड़ी है। भारत अमेरिका को रक्षा के क्षेत्र में अहम साझेदार के रूप में देखता है।’’साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर सहयोग है, इसके अलावा रक्षा, वैज्ञानिक, सह-विनिर्माण और सह-विकास तथा औद्योगिक स्तर पर भी सहयोग का स्तर अच्छा है। यह विश्वास जताते हुए कि द्विपक्षीय वार्ताओं से दोनों देशों के बीच बातचीत और साझेदारी को और तेजी मिलेगी, रक्षा मंत्री ने कहा कि संबंध बहुत मजबूत बने हुए हैं।
सीतारमण ने कहा कि दोनों देशों के बीच हाल में हुई बैठकों ने सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ने की दोनों देशों की परस्पर इच्छा को रेखांकित किया है। उच्च-स्तरीय वार्ताएं द्विपक्षीय संबंधों की गहराई और बेहतरी के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने की परस्पर इच्छा को दर्शाती हैं। रक्षा मंत्री ने भारत की संवेदनशीलता पर ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘खासतौर पर पिछले तीन चार वर्षों में हमने उल्लेखनीय प्रगति की है। साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हमारे संबंधों को दोनों देशों में मजबूत राजनीतिक तथा जन समर्थन मिल रहा है। आपसी विश्वास बढ़ रहा है तथा रक्षा साझेदारी में भरोसा भी है।’’
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