रूस से आखिर क्यों कम हथियार खरीदने लगा है भारत, जानें वजहें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी कोशिश हथियारों के मामले में देश की आयात पर निर्भरता को खत्म करना है। रपट के अनुसार 2009-13 के मुकाबले2014-18 में देश में हथियारों का आयात 24 प्रतिशत तक घटा है।
वाशिंगटन। हथियार बाजार पर एक ताजा रपट के अनुसार भारत के हथियारों के आयात में पिछले चार साल में रूस की हिस्सेदारी घटी है। एक रपट के अनुसार 2009-13 के बीच देश के कुल हथियार आयात में रूस से आयातित हथियारों की हिस्सेदारी 76 फीसदी थी जो 2014-18 में घटकर 58 फीसदी रह गई। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपरी) की ‘अंतरराष्ट्रीय हथियार लेन-देन का रुख-2018’ रपट में यह जानकारी दी गई है।
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Some telling stats here: 1) India's top 3 suppliers - Russia(58%), Israel(15%), US(12%) but overall share of imports fall from 13% to 9.5%. 2) 46% of Israel's arms exports are to India. 3) Pakistan & Bangladesh import 70% of their arms from China https://t.co/oLSnbeggOx
— Pranab Dhal Samanta (@pranabsamanta) March 11, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी कोशिश हथियारों के मामले में देश की आयात पर निर्भरता को खत्म करना है। रपट के अनुसार 2009-13 के मुकाबले2014-18 में देश में हथियारों का आयात 24 प्रतिशत तक घटा है। आयात के आंकड़ों में कमी की एक अहम वजह विदेशी हथियारों की आपूर्ति में देरी होना भी है।
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जैसे कि रूस को लड़ाकू विमान का ऑर्डर 2001 में और फ्रांस को पनडुब्बी का ऑर्डर 2008 में दिया गया था। हालांकि इन सबके बावजूद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है। वैश्विक हथियार आयात में भारत का हिस्सा साढ़े नौ प्रतिशत के करीब है। वित्त वर्ष 2014-18 के बीच अमेरिका और फ्रांस से भारत को हथियारों का निर्यात बढ़ा है।
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