जनरल नरवणे से बोले केपी शर्मा ओली, भारत-नेपाल के बीच समस्याओं को वार्ता के जरिए किया जाएगा हल
नेपाल सेना के सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे और ओली के बीच बैठक बलुवातार स्थित उनके आधिकारिक निवास पर हुई। ओली नेपाल के रक्षा मंत्री भी हैं।
काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने शुक्रवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के साथ एक मुलाकात के दौरान कहा कि दोनों देशों के बीच समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिये किया जाएगा। जनरल नरवणे ने ओली से शिष्टाचार भेंट की। जनरल नरवणे की तीन दिवसीय नेपाल यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों में नए सिरे से सामंजस्य स्थापित करना है। नेपाल ने इस वर्ष की शुरुआत में एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था और उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताया था जिसके बाद दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था। नेपाल सेना के सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे और ओली के बीच बैठक बलुवातार स्थित उनके आधिकारिक निवास पर हुई। ओली नेपाल के रक्षा मंत्री भी हैं।
इसे भी पढ़ें: थलसेना प्रमुख नरवणे ने नेपाली समकक्ष से की मुलाकात, दोनों सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री ओली के विदेश मामलों के सलाहकार रंजन भट्टाराई के अनुसार, ओली ने कहा कि ‘‘नेपाल और भारत के बीच अच्छी मित्रता है।’’ भट्टाराई ने बैठक के बाद ट्वीट किया कि ओली ने उम्मीद जतायी कि ‘‘दोनों देशों के बीच समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिये होगा।’’ भट्टाराई ने कहा कि बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ओली ने नेपाल और भारत के बीच मौजूद सदियों पुराने विशेष संबंधों और एक-दूसरे के सेना प्रमुखों को सेना के मानद जनरल की उपाधि देने की परंपरा का उल्लेख किया। नेपाल में जनरल नरवणे के कार्यक्रम में नेपाल की सेना के मुख्यालय का दौरा और नेपाल की सेना के प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा द्वारा उनके सम्मान में आयोजित भोज में शरीक होना शामिल था। बृहस्पतिवार को दोनों सेना प्रमुखों ने वार्ता की और द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।
सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल नरवणे बुधवार को यहां पहुंचे थे। इससे पहले, दिन में उन्होंने पहाड़ों के ऊपर एक उड़ान का आनंद लिया और वह इस दौरान दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के प्रवेश द्वार सियांगबोचे हवाई अड्डे पर संक्षिप्त समय के लिए रुके। सूत्रों ने बताया कि जनरल नरवणे ने काठमांडू के बाहरी इलाके शिवपुरी में सैन्य कमान एवं स्टाफ कॉलेज में मध्यम स्तर के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित भी किया। उन्होंने इस दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ अपने अनुभव साझा किया।
इसे भी पढ़ें: नेपाल के राष्ट्रपति ने सेना प्रमुख नरवणे को मानद पद से किया सम्मानित
नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को बृहस्पतिवार को एक विशेष समारोह में नेपाली सेना के जनरल की मानद उपाधि प्रदान की थी। यह दशकों पुरानी परंपरा है जो दोनों सेनाओं के बीच के मजबूत संबंधों को परिलक्षित करती है। नेपाल ने इस वर्ष की शुरुआत में एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया था और उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताया था जिसके बाद दोनों पड़ोसी देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था। सेना प्रमुख जनरल नरवणे की यह यात्रा उसके बाद से भारत की ओर से काठमांडू की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड के धारचूला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक सड़क का उद्घाटन किए जाने के बाद नेपाल ने विरोध जताया था।
नेपाल ने दावा किया था कि यह सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है। कुछ दिनों बाद, उसने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र के तौर पर दिखाते हुए नया नक्शा जारी किया था। भारत ने भी नवंबर 2019 में एक नया नक्शा प्रकाशित किया था जिसमें इन क्षेत्रों को भारत के क्षेत्र के रूप में दिखाया गया था। नेपाल द्वारा नक्शा जारी किए जाने के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, इसे ‘‘एकतरफा कृत्य’’ बताया था और काठमांडू को आगाह करते हुए कहा था कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा ‘‘कृत्रिम विस्तार’’ उसे स्वीकार्य नहीं होगा।
इसे भी पढ़ें: लद्दाख गतिरोध: भारत और चीन के बीच आठवें दौर की सैन्य वार्ता, तनाव कम करने पर दिया गया जोर !
भारत ने कहा था कि नेपाल का यह कदम दोनों देशों के बीच बातचीत के माध्यम से सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बनी सहमति का उल्लंघन करता है। सेना प्रमुख को नेपाल के साथ संबंधों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए काठमांडू भेजने के भारत के फैसले को, चीन द्वारा क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के मद्देनजर म्यांमार, मालदीव, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान और अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने के भारत के व्यापक प्रयासों के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है। जनरल नरवणे ने पिछले महीने, एक महत्वपूर्ण यात्रा के तहत विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ म्यांमार की यात्रा की, जिस दौरान भारत ने सैन्य और रक्षा संबंधों को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त करने के अलावा म्यांमार की नौसेना को एक लड़ाकू पनडुब्बी की आपूर्ति करने का निर्णय किया था।
General MM Naravane #COAS #IndianArmy & Hony General #NepaliArmy called on the Rt Hon'ble Prime Minister of #Nepal Shri K P Sharma Oli. Strengthening of bilateral defence & strategic ties between two countries were discussed.#IndiaNepalFriendship pic.twitter.com/adxlqSpupD
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) November 6, 2020
अन्य न्यूज़