प्रधानमंत्री मोदी और ट्रूडो ने जलवायु परिवर्तन, हिंद-प्रशांत और यूक्रेन संकट पर की चर्चा
मोदी ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने ट्रूडो के साथ सार्थक मुलाकात के दौरान भारत-कनाडा संबंधों की पूरी समीक्षा की। मोदी ने ट्वीट किया था, ‘‘व्यापार, संस्कृति और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।’’
एल्माउ(जर्मनी| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर यहां जलवायु परिवर्तन पर सहयोग, कोविड-19, मुक्त-खुला एवं समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र और यूक्रेन संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। ट्रूडो के कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मोदी और ट्रूडो ने सोमवार को दक्षिणी जर्मनी में शिखर सम्मेलन के सुरम्य स्थल ‘स्कलॉस एलमौ’ में मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ट्रूडो के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि नेताओं ने कनाडा और भारत के बीच बढ़ते व्यापार संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बीच लंबे समय से जारी संबंधों का स्वागत किया।
बयान के मुताबिक प्रधानमंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास, कोविड-19 महामारी के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया और स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने जी-7 में चर्चा किए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें लचीला लोकतंत्र और खाद्य सुरक्षा शामिल है।
बयान में कहा गया है कि उन्होंने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर भी चर्चा की। भारत और अमेरिका समेत कई अन्य वैश्विक शक्तियां क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के संदर्भ में एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कनाडा और भारत के बीच द्विपक्षीय और जी-20, दोनों ही स्तर पर सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की।
मोदी ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने ट्रूडो के साथ सार्थक मुलाकात के दौरान भारत-कनाडा संबंधों की पूरी समीक्षा की। मोदी ने ट्वीट किया था, ‘‘व्यापार, संस्कृति और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और व्यापार और आर्थिक संबंधों, सुरक्षा में सहयोग तथा आतंकवाद के साथ-साथ दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि साझा मूल्यों वाले मजबूत लोकतंत्र के नेताओं के रूप में, उनकी एक लाभदायक बैठक हुई।
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