पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में धन शोधन, आतंक के वित्तपोषण पर नियंत्रण के लिए विधेयक पारित

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उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून विभिन्न संस्थाओं को एकीकृत बनाएगा और इससे पाकिस्तान को काफी फायदा होगा। वर्ष 2018 में, एफएटीएफ ने धन शोधन और आतंकी वित्तपोषण से निपटने के लिए अपने कानूनी, वित्तीय, नियामक, जांच, अभियोजन, न्यायिक और गैर-सरकारी क्षेत्रों में पाकिस्तान में कर्मियों को रेखांकित किया, जिन्हें वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा माना जाता है। प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किए जाने वाले अध्यक्ष के नेतृत्व में, प्राधिकरण में वित्त, विदेशी मामले और आंतरिक प्रभाग के सचिव और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर शामिल होंगे।

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने एक विधेयक पारित किया है, जिसे सही से लागू करने पर देश को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ‘ग्रे’ सूची से हमेशा के लिए निकलने में मदद मिलेगी। संसद के निचले सदन ने बृहस्पतिवार को उस विधेयक को पारित कर दिया, जिसमें एफएटीएफ से संबंधित सभी संस्थाओं को एक तंत्र के तहत लाने, धन शोधन और आतंक के वित्तपोषण को नियंत्रित करने के लिए एक केंद्रीय प्राधिकरण बनाने का प्रावधान है। पिछले साल, पाकिस्तान को आतंकी वित्तपोषण और धन शोधन पर वैश्विक निगरानी संस्था एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची से हटा दिया गया था। चार साल पहले पाकिस्तान को इस सूची में शामिल किया गया था। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक विधेयक राष्ट्रीय धन शोधन और आतंक वित्तपोषण रोधी प्राधिकरण कानून-2023 को विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने पेश किया।

खार ने कहा कि प्रस्तावित कानून एफएटीएफ से संबंधित सभी संस्थाओं को एक प्राधिकरण के तहत लाएगा। खबर में कहा गया है कि वर्तमान में, आतंकवाद के वित्तपोषण और लक्षित वित्तीय प्रतिबंधों को विभिन्न कानूनों के तहत लागू किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से 2010 का धन शोधन अधिनियम, 1997 का आतंकवाद रोधी अधिनियम और 1948 का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अधिनियम शामिल हैं। पाकिस्तान को कब पेरिस स्थित एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची में डाला गया था, इसका जिक्र करते हुए खार ने कहा कि प्रस्तावित प्राधिकरण एक मुख्य संस्था के रूप में काम करेगा और देश को धन शोधन तथा आतंकी वित्तपोषण के खतरे को रोकने के लिए एकीकृत कदम उठाने में मदद करेगा। खबर में खार के हवाले से कहा गया, ‘‘यह एक अच्छा विधेयक है।

अगर इसे ठीक से लागू किया जाता है, तो इंशाअल्लाह पाकिस्तान कभी एफएटीएफ की ग्रे सूची में नहीं जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून विभिन्न संस्थाओं को एकीकृत बनाएगा और इससे पाकिस्तान को काफी फायदा होगा। वर्ष 2018 में, एफएटीएफ ने धन शोधन और आतंकी वित्तपोषण से निपटने के लिए अपने कानूनी, वित्तीय, नियामक, जांच, अभियोजन, न्यायिक और गैर-सरकारी क्षेत्रों में पाकिस्तान में कर्मियों को रेखांकित किया, जिन्हें वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा माना जाता है। प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किए जाने वाले अध्यक्ष के नेतृत्व में, प्राधिकरण में वित्त, विदेशी मामले और आंतरिक प्रभाग के सचिव और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर शामिल होंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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