पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट शरीफ की जमानत याचिका पर 26 मार्च को सुनाएगा फैसला
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि उच्चतम न्यायालय उसी दिन फैसला सुनाएगा। बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा हैरिस ने मामले में तर्क पेश किए और चिकित्सकीय रिपोर्ट का हवाला दिया।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की चिकित्सकीय आधार पर जमानत का अनुरोध करने वाली याचिका पर फैसला 26 मार्च तक टाल दिया है। शरीफ ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ छह मार्च को अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय ने 25 फरवरी को अल-अजीजिया स्टील मिल मामले में चिकित्सकीय आधार पर उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
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प्रधान न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख 26 मार्च को जवाब दाखिल करने के लिए कहा। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि उच्चतम न्यायालय उसी दिन फैसला सुनाएगा। बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा हैरिस ने मामले में तर्क पेश किए और चिकित्सकीय रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज का 17 अलग-अलग बीमारियों का इलाज चल रहा है।
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अखबार ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील से सवाल करते हुए कहा, ‘‘हमें पता है कि नवाज का लंदन में इलाज होता है। हम जानना चाहते हैं कि क्या उनकी तबियत जेल में खराब हुई।’’ जियो न्यूज ने खबर दी कि प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि लंदन की रिपोर्ट पाकिस्तान के चिकित्सकों को मुहैया नहीं कराई गई है और अदालत इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की रिपोर्ट देखेगी। अल-अजीजिया स्टील मिल भ्रष्टाचार मामले में 69 वर्षीय शरीफ दिसम्बर 2018 से लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद हैं।
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